सीएम गहलोत ने की शांति की अपील:
सनसनीखेज हत्याकांड के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट लोगों से शांति की अपील की है। सीएम गहलोत ने कहा कि उदयपुर में युवक की जघन्य हत्या की भर्त्सना करता हूं। इस घटना में शामिल सभी अपराधियों कठोर कार्रवाई की जाएगी एवं पुलिस अपराध की पूरी तह तक जाएगी। मैं सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। ऐसे जघन्य अपराध में लिप्त हर व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस घटना का वीडियो शेयर कर माहौल खराब करने का प्रयास ना करें। वीडियो शेयर करने से अपराधी का समाज में घृणा फैलाने का उद्देश्य सफल होगा।
वीडियो वायरल होते ही तनाव फैला:
वीडियो में आरोपियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया। साथ ही, नुपूर शर्मा के लिए अपशब्दों का उपयोग किया। वीडियो वायरल होते ही तनाव फैल गया। विरोध प्रदर्शन के बीच पथराव, आगजनी और फायरिंग भी हुई। वारदात से गुस्साई भीड़ ने पथराव किया और कई वाहन फूंक डाले। देर रात तक शहर में हालात बेकाबू और स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
सभी 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू:
कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर कलक्टर ने शहर के सभी 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। पुलिस ने रात को राजसमंद जिले के भीम से आरोपी गौस और रियाज को धर दबोचा। पुलिस देर रात दोनों आरोपियों को लेकर उदयपुर पहुंची। राज्य सरकार ने वारदात की पड़ताल के लिए एटीएस आइजी प्रफुल्ल कुमार के नेतृत्व में एसआइटी गठित की है। एटीएस एडीजी अशोक राठौड इसकी निगरानी करेंगे।
आश्रितों को 31 लाख का मुआवजा और बेटों को नौकरी:
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने पुलिस को शव नहीं उठाने दिया। मृतक आश्रित परिवार को सरकारी नौकरी, मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अड़े रहे। रात 10.30 बजे समझौता होने के बाद पुलिस ने शव को एमबी हॉस्पिटल के मुर्दाघर में रखवाया। प्रशासनिक अधिकारियों की सरकार से हुई वार्ता के बाद मृतक आश्रित परिवार को 31 लाख रुपए का मुआवजा व मृतक के दोनों पुत्रों को संविदा पर नौकरी पर सहमति बनी।
उदयपुर में युवक की निर्मम हत्या, गर्दन धड़ से हो गई अलग
सभी जिलों में अलर्ट, उदयपुर भेजे 600 पुलिसकर्मी:
कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद उदयपुर में 30 आरपीएस अधिकारियों के साथ आरएसी की 5 कंपनी भी तैनात की हैं। साथ ही, 600 पुलिसकर्मी भी उदयपुर भेजे हैं। सरकार ने एडीजी श्रीनिवास राव जंगा और दिनेश एमएन को भी हालात संभालने उदयपुर भेजा है। वहीं, एसीबी एसपी राजीव पचार को भी घटना के कुछ देर बाद ही फील्ड में तैनात कर दिया।
13 किमी पीछा कर पकड़े आरोपी:
गौस मोहम्मद पुत्र रफीक मोहम्मद और रियाज पुत्र अब्दुल जब्बार हत्या के बाद बाइक से भागे तो उन्हें रूटीन नाकाबंदी में भीम पर रोका गया। दोनों नाकाबंदी तोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने करीब 13 किलोमीटर तक पीछा किया। दोनों फिल्मी अंदाज में गलियों में होकर बदनौर चौराहे की तरफ भागे। दोनों कॉलेज के सामने हाईवे पर होकर फिर अजमेर की दिशा में मुख्य मार्ग पर आ गए। तभी पुलिस ने पीछा करते हुए दोनों को जस्साखेड़ा से पहले आड़ावाला मोड़ पर दबोच लिया।
पूरे प्रदेश में इंटरनेट बंद, एक माह तक धारा 144:
कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद राज्य सरकार ने एहतियातन सम्पूर्ण राजस्थान में इंटरनेट बंद कर दिया। फिलहाल 24 से 30 घंटे तक इंटरनेट बंद रहेगा। साथ ही, पूरे प्रदेश में एक माह तक धारा 144 लागू कर दी गई। इसमें एक जगह पर एक साथ चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक है। पूरे प्रदेश में पुलिस अधिकारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए। राज्य सरकार ने घटना के वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय किया है।
कपड़े सिलवाने के बहाने हमला:
आरोपी मंगलवार दोपहर कपड़े सिलवाने के बहाने गोवर्धन विलास निवासी कन्हैयालाल की दुकान पहुंचे। कन्हैयालाल जब नाप लेने में व्यस्त था, तभी दोनों ने उसे दबोचकर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। कन्हैयालाल को संभलने तक का मौका नहीं मिला। दुस्साहस ऐसा कि पहले तो एक आरोपी हथियार से लगातार वार करता रहा और दूसरा वारदात का वीडियो बनाता रहा। इसके बाद दूसरा भी हथियार लेकर कन्हैयालाल पर टूट पड़ा। इसके बाद दोनों बाइक से फरार हो गए।
पुलिस समझौता कराने में जुटी रही:
एडीजी हवा सिंह घुमरिया के अनुसार कन्हैयालाल ने जमानत पर छूटने के बाद 15 जून को थाने पर शिकायत दी कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। स्थानीय थानाधिकारी ने रिपोर्ट मिलने के बाद धमकी देने वालों सहित दोनों समुदायों के लोगों को थाने बुलाकर समझाइश की। घुमरिया ने दावा किया कि इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया। कन्हैयालाल ने हस्तलिखित रिपोर्ट देकर मनमुटाव खत्म होने की सूचना दी। साथ ही, लिखकर दिया कि मामले में अब कोई कार्रवाई की जरूरत नहीं है।
एनआईए करेगी जांच:
कन्हैयालाल हत्याकांड को जिस तरीके से अंजाम दिया गया, उसमें आतंकी संगठन आइएसआइएस से कनेक्शन होने के संकेत मिल रहे हैं। कातिलों का तरीका आतंकी संगठनों की करतूतों से मेल खाता है। घटना के आतंकी कनेक्शन की आशंका को देखते हुए दिल्ली से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की विशेष टीम उदयपुर रवाना हो गई। एनआइए को शुरुआती अनुसंधान में पता चला है कि आरोपी रियाज की टोंक निवासी मुजीब से पिछले वर्ष कई मुलाकातें हुईं थीं। मुजीब को आइएसआइएस कनेक्शन के कारण सुरक्षा एजेंसी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
गिरफ्तार तत्काल, सुरक्षा नहीं दी:
कन्हैयालाल ने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इसके बाद नाजिम अहमद ने 11 जून को उसके खिलाफ धानमंडी थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अगले ही दिन उसे गिरफ्तार भी कर लिया। हालांकि वह 13 जून को अदालत से जमानत पर छूट गया। इसके बाद कन्हैयालाल को कुछ लोग लगातार धमकियां दे रहे थे। इससे घबराकर उसने पुलिस से सुरक्षा मांगी लेकिन पुलिस ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। उल्टे कन्हैयालाल की शिकायत को अनदेखा कर दिया। लिहाजा भयाक्रांत कन्हैयालाल ने अपनी दुकान बंद रखी। उसने मंगलवार को ही दुकान खोली और मौके की ताक में बैठे कातिलों ने मौत के घाट उतार दिया।