जोधपुर में जवाई बांध (निर्माण वर्ष 1957) व सुकली सेलवाड़ा (निर्माण 2008), बीसलपुर बांध (वर्ष 1999), उदयपुर में माही बजाज सागर (निर्माण 1985), मकमला अम्बा (निर्माण 2000), मातृकुंडिया (निर्माण 1991) व गंभीरी (निर्माण 1957), कोटा में छापी (निर्माण 1972)
2000 रुपए प्रति हैक्टेयर की जरूरत, दे रहे 50 रुपए
बांधों के सुधार के लिए करीब 2 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर रोकड़ की जरूरत मानी गई है लेकिन सरकार ज्यादातर मामलों में 50 रुपए प्रति हैक्टेयर ही दे पा रही है। जबकि, वित्त आयोग तक 1500 रुपए प्रति हैक्टेयर राशि की जरूरत जता चुका है। वहीं, जल संसाधन विभाग दो हजार रुपए की जरूरत जताता रहा है।
-दो-ढाई वर्ष राणा प्रताप सागर बांध का एक गेट अटक गया। गेट नहीं खुलने से हजारों क्यूसेक पानी व्यर्थ बह गया था।
-इसी तरह बीसलपुर बांध लबालब भरने के बाद उसके सभी 18 गेट खोलने शुरू किए। इसी बीच एक गेट नहीं खोला जा सका, क्योंकि इसका रोप (जिसके जरिए गेट उपर होता है) बीच में अटक गया।
-जल आयोग ने बांध से पानी छोड़ने से जुड़े स्ट्रक्चर की डिजाइन और क्षमता में बदलाव किया गया है, इसी के अनुरूप यहां भी डिजाइन में सुधार होगा।
-वाटर लेवल रिकॉर्डर फ्लो मैनेजमेंट सिस्टम लगेगा। यह बांध की सहयोगी नदियों के पुल के नीचे लगाए जाएंगे। इस सिस्टम से बारिश के पानी के आवक की पहले से जानकारी मिल जाएगी।
-बांध से निकलने वाले पानी और बंद होने की पूरी जानकारी लगातार आॅनलाइन रहेगी।