भजनलाल सरकार ने 9 जिले और 3 संभाग किए खत्म
साल के अंत में भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बनाए नए जिलों को खत्म कर राजनीतिक भूचाल ला दिया। 28 दिसंबर को सीएमओ में हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बने 9 नए जिले और तीन संभाग को खत्म कर दिया है। सरकार के फैसले के बाद अब राजस्थान में 17 नए जिलों में से केवल 8 नए जिले बालोतरा, डीडवाना, फलौदी, सलूंबर, खैरथल-तिजारा, डीग, कोटपूतली-बहरोड और ब्यावर ही यथावत रहेंगे। वहीं, दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर को निरस्त कर दिया है। फैसले में बांसवाड़ा, पाली और सीकर संभाग को भी खत्म कर दिया गया है।
बता दें, कई जिलों में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया। आने वाले दिनों में इसको लेकर राजस्थान में राजनीति तेज होने की संभावना है।
ऐतिहासिक ERCP-PKC योजना का शिलान्यास
राजस्थान की सबसे बड़ी परियोजना पीकेसी-ईआरसीपी (PKC-ERCP) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसम्बर को जयपुर आकर किया। साल 2024 में यह दिन राजस्थानवासियों के लिए बेहद ऐतिहासिक रहा। भजनलाल सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने जयपुर के दादिया गांव में ‘पार्वती-कालसिंध-चंबल-ईआरसीपी’ (PKC-ERCP) का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव व केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी मौजूद रहे। इस दौरान पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) पर साइन किया गया था। इस परियोजना के शिलान्यास के बाद राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस अपना सपना साकार होने जैसा बताया।
राइजिंग राजस्थान समिट: 35 लाख करोड़ के MOU
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में 9 दिसंबर को राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट का उद्घाटन किया। सीएम भजनलाल शर्मा ने इस समिट को लेकर कहा था कि सरकार ने विभिन्न कंपनियों के साथ 35 लाख करोड़ के MOU साइन किए हैं। इसका लाभ सीधे राजस्थान और यहां के लोगों को मिलेगा।
इस दौरान अलग-अलग सेक्टर में राजस्थान सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू किए थे। इसमें गौतम अडाणी, आनंद महिंद्रा और अनिल अग्रवाल समेत कई बड़े उद्योगपति शामिल हुए थे। इस समिट का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। इसमें 17 देशों को पार्टनर कंट्री बनाया गया था, वहीं कुल 32 देश इसमें शामिल हुए थे।
सीएम काफिले में हादसा, दो की मौत
राइजिंग राजस्थान के तीसरे दिन जयपुर में अक्षय पात्र मंदिर के पास CM भजनलाल शर्मा के काफिले की दो गाड़ियां दुर्घटना की शिकार हो गई। एक युवक ने रॉन्ग साइड से गाड़ी काफिले में घुसा दी, जिससे आगे चलने वाली कार से टक्कर हो गई। इसको बचाने के चक्कर में पीछे वाली गाड़ी भी टकरा गई।
इस हादसे में पांच पुलिसकर्मियों सहित 7 लोग गंभीर घायल हो गए थे। इस हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। इस सड़क हादसे में रॉन्ग साइड से गाड़ी घुसाने वाले टैक्सी ड्राइवर पवन कुमार की भी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका 27 नवंबर को अजमेर सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी। अदालत ने इसे सुनने योग्य माना। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका लगाई गई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा।
याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया था। साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात कही गई थी।
राजतिलक के बाद उदयपुर में भिड़े पूर्व राजघराने
राजस्थान में महाराणा प्रताप के वंशज और उदयपुर के राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म के बाद जमकर बवाल हुआ। क्योंकि राजतिलक को लेकर विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने नाखुशी जताई थी। राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ उदयपुर के सिटी पैलेस में स्थित धूणी के दर्शन करने पहुंचे। ऐसे में राज तिलक की परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए गए थे। उन्हें दर्शन करने नहीं दिया गया था, जिसके चलते जमकर बवाल हुआ था। फिर प्रशासन के सहयोग से धूणी दर्शन हुए थे।
राजस्थान में उपचुनाव: 5 BJP, 1 कांग्रेस, 1 BAP
राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को एकतरफा जीत मिली। भाजपा के खाते में 5 और कांग्रेस व बीएपी के खाते में 1-1 सीट आई। वहीं, खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के हारने से विधानसभा में आरएलपी साफ हो गई। जिन 7 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें से 4 कांग्रेस के पास थी, लेकिन वह सिर्फ एक पर ही जीत दर्ज कर पाई, 3 सीट कांग्रेस ने गंवा दी।
उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस प्रत्याशियों की 7 सीटों में से तीन सीटों पर जमानत जब्त हुई। चौरासी, सलूंबर और खींवसर में कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई, वहीं चार सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। राजस्थान में उपचुनाव के नतीजों के बाद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का विधानसभा में कोई विधायक नहीं होगा।
नरेश मीणा ने SDM को मारा थप्पड़
13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग के दौरान नरेश मीणा ने समरावता गांव में मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश की। शासन और पुलिस अधिकारियों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो हाथापाई हो गई। मीणा ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने तीन मतदाताओं से चोरी-छिपे वोट डलवाए। ईवीएम पर उनका चुनाव चिन्ह स्पष्ट नहीं था, जिससे उनके मतदाताओं को परेशानी हो रही थी। इस मुद्दे को लेकर नरेश मीणा और एसडीएम अमित चौधरी के बीच जमकर कहासुनी हुई, जिसके बाद नरेश मीणा ने अपना आपा खो दिया और एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी।
किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव के परिणामों में भाजपा की कम सीटें आने के बाद और दौसा सीट पर हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने भजनलाल शर्मा सरकार को बड़ा झटका दिया। उस समय डॉ. मीणा के इस्तीफे से भाजपा में खलबली मच गई थी। बता दें, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पहले ही कह चुके थे कि वे इस्तीफा देंगे। उस समय कई नेताओं ने सोचा था कि यह केवल बयानबाजी है लेकिन मंत्री पद से इस्तीफा देकर डॉ. मीणा ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी चौंका दिया था। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा मंत्रीपद को लेकर भी नाराज बताए जा रहे थे, इसको लेकर पिछले कई दिनों से पार्टी के लोग मनाने की भी कोशिश कर रहे थे।
लोकसभा चुनाव: BJP को झटका, कांग्रेस खुश
राजस्थान में लोकसभा की सभी 25 सीटों पर चुनाव के परिणाम मंगलवार 4 जून 2024 को घोषित किए गए थे। लोकसभा चुनावों के परिणामों ने सत्ताधारी बीजेपी के खेमे में हलचल पैदा की। राजस्थान में पिछले 10 सालों से कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने वाली पार्टी यहां करीब एक दर्जन सीटों पर मुश्किल में नजर आई। ‘मिशन 25’ वाली बीजेपी महज 14 सीटों पर सिमट गई थी।
25 में से 14 सीटों पर बीजेपी और 11 सीटों पर कांग्रेस और सहयोगी दलों के प्रत्याशी विजयी रहे हैं। 8 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर सहयोगी दलों के उम्मीदवारों ने बाजी मारी। नागौर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल, बांसवाड़ा से बीएपी के राजकुमार रोत और सीकर से माकपा के कॉमरेड अमराराम ने कांग्रेस समर्थन के बाद जीत दर्ज की थी।
भजनलाल सरकार का पहला फुल बजट
भजनलाल सरकार का पहला फुल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री दिया कुमारी ने विधानसभा में 2 घंटे 51 मिनट लंबा भाषण दिया था। अपने पहले बजट भाषण में दिया कुमारी ने युवाओं, महिलाओं, किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं थी। सरकार ने बजट में कहा था कि आने वाले 5 साल में 4 लाख से ज्यादा नई नौकरी देगी।
वहीं, वन स्टेट- वन इलेक्शन कॉन्सेप्ट के तहत पंचायत और नगर पालिकाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इसके साथ ही एससी-एसटी वर्ग में आने वाले सरकारी कर्मचारियों को सस्ता लोन भी दिया जाएगा था। सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ काम करने वाली महिलाओं को भी सरकार कम ब्याज में लोन देगी, जबकि राजस्थान के स्कूली स्टूडेंट का मेरिट में आने पर टैबलेट और फ्री इंटरनेट की भी घोषणा की गई थी।
बजट में हेल्थ और पुलिस विभाग में करीब 9 हजार नए पद भी सृजित करने की घोषणा की गई है। शहरी विकास के लिए बजट में 1300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राजस्थान में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की घोषणा को एक बड़े डेवलपमेंट के तौर पर देखा जा रहा है।
सालभर चर्चा में रही 2021 की SI भर्ती
राजस्थान में SI पेपर लीक कांड इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इस मामले में जयपुर पुलिस ने 1 सितंबर को कई खुलासे किए थे। एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक केस में RPSC के दो पूर्व सदस्य रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा को एसओजी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद रामूराम के बेटा-बेटी भी गिरफ्तार हुए थे। अब तक करीब 50 ट्रेनी एसआई को एसओजी अरेस्ट कर चुकी है, जिनमें से 25 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
वहीं, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने राजस्व अधिकारी (RO) ग्रेड-2 और अधिशाषी अधिकारी (EO) ग्रेड-4 भर्ती परीक्षा 2022 को रद्द कर दिया था। सरकार को एसओजी की ओर से दी रिपोर्ट में माना गया कि भर्ती परीक्षा में नकल हुई थी। किरोड़ी लाल मीणा भी लगातार अपनी ही सरकार में कई दिनों से एसआई परीक्षा को रद्द करने को लेकर मांग कर रहे है। वहीं पुलिस मुख्यालय भी इस भर्ती को रद्द करने की सलाह दे चुका है। वहीं मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने भी इस परिक्षा को रद्द करने की सिफारिश की है।