मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम में सभी ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं को आवश्यकता के अनुरूप थ्री-फेस और सिंगल फेस बिजली उपलब्ध करवाने और पानी की अबाधित उपलब्धता को सुनिश्चित रखने के लिए पेयजल परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली की लाइनों में सुधार, ट्रांसफार्मर बदलने और फीडर सुधार कार्यों में तेजी लाने के को कहा है। उन्होंने कहा कि कंपनियां बिजली छीजत घटाने को प्राथमिकता देते हुए इसे इस वर्ष के अंत तक 15 प्रतिशत से कम रखने का लक्ष्य प्राप्त करें और उपभोक्ताओं की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गहलोत ने ज्यादा से ज्यादा किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए प्रेरित करने का सुझाव भी दिया। बैठक में प्रदेशभर में विद्युत कंपनियों के सब स्टेशनों पर उपलब्ध अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगा कर बिजली उत्पन्न करने की योजना पर भी सहमति बनी। बैठक में ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा नरेशपाल गंगवार, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर कुंजीलाल मीना सहित ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।