यह भी पढें : रामगंज उपद्रव : बूढी मां तीन दिन से बेटे की तलाश में भटक रही थी इधर टीम गठित, उधर शिकायत पहुंचीएटीएस के एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि करीब चार माह पहले सूचना मिली थी कि एक संगठित गिरोह हथियार का फर्जी लाईसेंस बनाने का कारोबार कर रहा है और हथियार भी उपलब्ध करवाता है। एटीएस आईजी बीजू जॉर्ज जोसफ और एसपी विकास कुमार के निर्देशन में टीम का गठन किया गया। इसी बीच
उदयपुर निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि अजमेर निवासी जुबेर ने लाइसेंस बनाने और हथियार देने के नाम पर उससे 12 लाख रुपए ले लिए। लेकिन वे उसे संदिग्ध लग रहे है।
यह भी पढें : रामगंज उपद्रव : आखिर तीन दिन तक पुलिस ने क्यों दबाए रखा भरत की मौत का राज एटीएस टीम ग्राहक बनकर पहुंची एटीएस टीम ने अजमेर निवासी जुबेर को बोगस ग्राहक से लाइसेंस देने की एवज में दो लाख रुपए का चैक, तीस हजार रुपए नकद लेते समय पकड़ लिया। जुबेर से पुलिस ने 55 फर्जी लाइसेंस समेत हथियारों का जखीरा बरामद किया है। जुबेर से पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरोह के सदस्य पंजाब निवासी विशाल व जम्मू निवासी राहुल को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने विशाल से 48 और राहुल के पास से 150 फर्जी हथियार लाइसेंस व सैंकड़ों हथियार बरामद हो चुके है। सभी लाइसेंस 2007 और 2008 के बैकडेट में जम्मू कश्मीर से बनाकर दिए गए है।
यह भी पढें : रामगंज उपद्रव : दो घंटे की ढील में बाजार में उमडे लोग, आज भी जारी रहेगा कर्फ्यू तीनों आरोपित गन हाउस के मालिक जुबेर की अजमेर में वली गन हाउस के नाम से दुकान है। यह लाइसेंस निलंबित है। वहीं राहुल का जम्मू और विशाल का पंजाब में गन हाउस है।
यह भी पढें : जयपुर में कर्ज ने ली एक और जान, ज्वैलर ने तेजाब पीकर दम तोड़ा अधिकारियों की मिलीभगत की जांच पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में जम्मू कश्मीर के किसी ना किसी बड़े अधिकारी की मिलीभगत हो सकती है। क्योंकि 2008 के बाद ऑल इंडिया का हथियार लाइसेंस कोई भी राज्य सरकार नहीं दे सकती।