अब वसूली गैंग के गुर्गे गैंगस्टर्स के इशारों पर कारोबार में भी हिस्सा मांग रहे हैं। कारोबारियों को डरा-धमका कर लाभ में से 20 से 40 फीसदी हिस्सा तय किया जा रहा है। इस तय हिस्से की रकम वसूली गैंग के गुर्गे विदेशों में बैठे गैंगस्टर्स तक पहुंचाते हैं। साथ ही कारोबारी के डूबे पैसों की वसूली की भी जिम्मेदारी लेते हैं। जयपुर में मानसरोवर थाना इलाके के एक मामले में इस तरह के तथ्य पुलिस की जांच में सामने आ चुके हैं।
17 करोड़ रुपए की वसूली के लिए रोहित से करवाई थी मीटिंग
जयपुर के सड़क निर्माण कांट्रेक्टर से 17 करोड़ रुपए की वसूली के लिए हिस्ट्रीशीटर रोहित गोदारा ने 35 फीसदी हिस्सेदारी तय की थी। यह मीटिंग वाट्सऐप के जरिए करवाई गई थी। पुलिस जांच में इस तथ्य का खुलासा हो चुका है। इस मामले की जांच में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे। प्रदेश में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
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हरियाणा के अपराधी सक्रिय
हरियाणा के अपराधी भी अब यहां वसूली में सक्रिय हो गए हैं। रंगदारी, फिरौती में उनकी भूमिका लगातार सामने आ रही है। पीडि़त को डराया-धमकाया जाता है। उसके घर पर फायरिंग तक की जाती है। इस कारण कई पीडि़त पुलिस के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। ऐसे में पीडि़त के पास जान बचाने के लिए अपराधियों को पैसा देने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। खास बात यह है कि पुलिस के पास यह जानकारी ही तब आती है, जब अपराधी किसी दूसरे मामले में पकड़ा जाता है।
व्यापारी को 20 लाख लेकर छोड़ा, 10 माह बाद पता चली वारदात
शहर के एक व्यापारी विकास शर्मा का गत वर्ष अप्रेल माह में अपहरण कर लिया गया। बाद में अपराधियों ने 20 लाख रुपए लेकर व्यापारी को छोड़ दिया। व्यापारी ने पुलिस को सूचना नहीं दी। शिप्रापथ थाने में किसी अन्य मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ में यह वारदात सामने आई। वारदात के करीब दस माह बाद कालवाड़ थाने में अपहरण का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
रंगदारी और फिरौती की 15 से अधिक वारदात
जयपुर शहर में रंगदारी और फिरौती की हाल ही में 15 से अधिक वारदात सामने आ चुकी हैं। कई वारदात में रंगदारी के लिए अपराधियों ने फायरिंग कर दहशत फैलाई।