राजनीति में आने के लिए तय होनी चाहिए शैक्षणिक योग्यता:नीरज डांगी
…डिजिटल बाल मेला के बच्चों संग संवाद में बोले राज्यसभा सांसद
राजनीति में आने के लिए तय होनी चाहिए शैक्षणिक योग्यता:नीरज डांगी
जयपुर। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी का कहना है कि राजनीति में आने के लिए शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में पढ़े लिखे लोग ही होने चाहिए। साथ ही बच्चों से वादा किया कि यदि ऐसा बिल आता है तो वे इसका समर्थन करेंगे। दरअसल, यह बात उन्होंने फ्यूचर सोसाइटी और एलआईसी द्वारा प्रायोजित रचनात्मक मंच डिजिटल बाल मेला के सीजन.दो में बच्चों से संवाद के दौरान कही। हुआ यूं कि इस संवाद में कुशलगढ़ की माही गादिया ने पूछा कि जिस तरह आईपीएस के लिए यूपीएससी, डॉक्टर बनने के लिए नीट जैसी परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, उसी तरह राजनीति में आने के लिए कोई एजुकेशनल लेवल क्यों नहीं तय होता है? इस सवाल के जवाब में डांगी ने यह बात कही। साथ ही बच्चों को लोकसभा और राज्यसभा के बीच का अंतर भी बताया।
संवाद में बच्चों ने जहां एक तरफ लोकसभा और राज्यसभा के बीच का अंतर जाना तो वही उन्होंने एक सांसद और विधायक की शक्तियों के बारे में भी संवाद किया। इस दौरान बच्चों ने पूछा कि जनता को राज्यसभा सांसद चुनने का अधिकार क्यों नही दिया जाता ? इस पर सांसद डांगी ने बताया कि ये सारी प्रक्रिया संविधान में तय की गई है। सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन जनता विधायक को चुनती हैं और उनके चुने विधायक राज्यसभा सांसद का चुनाव करते हैं। इस तरह से जनता ही अप्रत्यक्ष तौर पर राज्यसभा सांसद का चुनाव करती है।
संवाद में बाल राजनीति में शामिल हो रहे बच्चों को सांसद डांगी ने कठिनाईयों से भी रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि राजनीति में सबसे बड़ा इम्तिहान जनता से होता है। किसी भी नेता के लिए जनता का विश्वास जीतना ही उसके लिए सही मायनों में उसकी परीक्षा होती है। इस संवाद की लीडर जयपुर की ख्वाहिश को चुना गया। ख्वाहिश ने लोकसभा और राज्यसभा के बीच में विशेष अंतर जानने में अपनी रुचि दिखाई थी।
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