द्रव्यवती नदी का ज्यादातर हिस्सा विद्याधर नगर, सिविल लाइन्स, सांगानेर और बगरू और आंशिक हिस्सा झोटवाड़ा और बस्सी विधानसभा क्षेत्र में आता है। नदी किनारे लाखों की संख्या में आबादी रहती है। अभी भाजपा के पास दो और इतनी ही सीटें कांग्रेस के पास हैं, लेकिन पिछले पांच वर्ष में कांग्रेस राज में काम पूरा नहीं हो पाया। जबकि, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस प्रोजेक्ट से जयपुर की सूरत बदलने का दावा किया था। वर्ष 2018 में 17 किलोमीटर (47 किलोमीटर में से) हिस्से का उद्घाटन हुआ था।
अब BJP का कांग्रेस पर पलटवार, सीएम गहलोत पर जोशी-राठौड़ ऐसे हुए ‘हमलावर’
ये दिक्कत नहीं हुई दूर
● आस-पास की कॉलोनियों को जलभराव से निजात जरूर मिल गई, लेकिन नदी किनारे रहने वाले लोग दुर्गंध से परेशान हैं।
● पानी का बहाव भी नहीं हो रहा। इतना ही नहीं, नियमित रूप से नदी की सफाई भी नहीं हो रही है।
कहां कितनी है नदी
विद्याधर नगर -10 से 12 किमी.
सिविल लाइन्स -12 से 14 किमी.
सांगानेर -08 से 10 किमी.
बगरू -10 से 12 किमी.
पिछले विस चुनाव में खूब हुआ था शोर
● पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने द्रव्यवती नदी के विकास का चुनाव प्रचार में खूब बखान किया।
● जिस लैंडस्कैप पार्क पर नदी के 17 किलोमीटर हिस्से का उद्घाटन हुआ था, वो सांगनेर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
● कांग्रेस प्रत्याशियों ने पैसे के दुरुपयोग की बात कही थी।
ये काम हुए पर उपयोग नहीं
● चैनल के दोनों ओर 34 किलोमीटर में पांच मीटर चौड़े वॉक-वे बनाए
● 170 एमएलडी के सीवरेज प्लांट लगाए गए
● शहरी क्षेत्र में वॉक-वे पर पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम लगाए गए
● 30 किलोमीटर के हिस्से में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।