सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता
अशोक गहलोत , राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष
सचिन पायलट , कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्वेन्द्र सिंह सहित प्रदेश के तमाम नेताओं ने शोक जताया है। छोटी दीपावली को उन्हें सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनके निधन का समाचार मिलने पर राजनेताओं का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया।
जाट नेता दिगंबर सिंह का जन्म एक अक्टूबर 1951 को भरतपुर जिले के बरखेड़ा फौजदार गांव में हुआ था। दिगंबर सिंह की मां का नाम रामकला देवी और पिता का नाम जवाहर सिंह था।
दिगंबर सिंह ने
जोधपुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया, इसके बाद उन्होंने राजस्थान स्वास्थ्य विभाग में बतौर डॉक्टर नौकरी की। दिगंबर सिंह 2003 से लेकर 2013 तक दो बार डीग-कुम्हेर विधानसभा से विधायक चुने गए थे। वे भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार में केबिनेट (स्वास्थ्य मंत्री और उद्योग मंत्री) मंत्री रहे। वे 2013 का विधानसभा चुनाव और फिर उपचुनाव में हार गए थे।
वर्तमान में दिगंबर सिंह बीस सूत्री कार्यक्रम (बीसूका) की राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष थे। डॉक्टर सिहं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा था। गरीबों के सामाजिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार की ओर से 20 सूत्री कार्यक्रम संचालित किया जाता है। इसमें राज्यों को गरीबी उन्मूलन के लिए 20 सूत्र दिए जाते हैं। हर राज्य स्तरीय कमेटी हर महीने इन 20 सूत्रों की समीक्षा कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजती है।
डॉ. दिगंबर की गिनती मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे के नजदीकियों में होती थी। मुख्यमंत्री के करीबी इस जाट नेता का भरतपुर और धौलपुर में अच्छा प्रभाव माना जाता है। करीब एक वर्ष से दिगंबर सिंह की खराब सेहत के चलते राजनीति में सक्रियता कम हो गई थी। उपचुनाव और विधानसभा चुनावों से पहले दिगंबर सिंह का निधन भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका है।