इसके अलावा संभावित दावेदारों से वन टू वन मुलाकात भी की जा रही जा रही है। दावेदारों से वन टू वन मुलाकात के दौरान उनसे जीत के समीकरणों को लेकर पूछा जा रहा है तो स्थानीय कार्यकर्ताओं से जिताऊ उम्मीदवारों के नाम मांगे जा रहे हैं।
11 अगस्त को पीसीसी को सौंपने हैं तीन-तीन नामों के पैनल
दरअसल जिले के प्रभारियों को पंचायत और जिला परिषद चुनाव में फीडबैक और रायशुमारी के आधार पर तीन तीन नामों के पैनल तैयार करके 11 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को सौंपने हैं और उसके बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय स्थानीय विधायकों और स्थानीय संगठन के नेताओं से संवाद कर नाम फाइनल करके प्रत्याशियों की सूची वापस जिला प्रभारियों को सौंप देंगे, जहां जिला प्रभारी जिलों में जाकर प्रत्याशियों की सूची जारी करेंगे।
विधायकों की राय को प्राथमिकता
सूत्रों की माने तो पंचायत जिला परिषद चुनाव में भले ही जिला प्रभारियों को रायशुमारी करने का अधिकार दिया गया हो लेकिन माना जा रहा है कि प्रत्याशी चयन में स्थानीय विधायकों की भूमिका होगी। स्थानीय विधायकों की राय को प्रत्याशी चयन में प्राथमिकता मिलने की बात कही जा रही है।
बीते साल दिसंबर माह में हुए 21 जिलों में पंचायत और जिला परिषद चुनाव में भी विधायकों की राय को अहमियत दी गई थी और विधायकों की राय से ही टिकट वितरण भी किया गए थे। हालांकि बड़ी बात यह भी है कि बीते पंचायत और जिला परिषद चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। 21 जिला परिषदों में से कांग्रेस के खाते में केवल 5 जिला परिषद ही गए थे जबकि 12 पर भाजपा ने अपना कब्जा जमाया था।
11 अगस्त से शुरू होंगे नामांकन
पंचायत जिला परिषद चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होते ही नामांकन भी शुरू हो जाएंगे। नामांकन की अंतिम तिथि 16 अगस्त दोपहर तीन बजे तक है। पंचायत जिला परिषद चुनाव तीन चरणों में होंगे। तीन चरणों में होने वाने चुनाव के लिए 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 4 सितंबर को संबंधित जिला मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी
इन जिलो में हो रहे हैं पंचायत जिला परिषद चुनाव
प्रदेश के जिन 6 जिलों में पंचायत -जिला परिषद के चुनाव हो रहे हैं, उनमें जयपुर, भरतपुर, दौसा, जोधपुर, सवाई माधोपुर और सिरोही जिले हैं। 6 जिलों के 200 जिला परिषद सदस्य, 1564 पंचायत समिति सदस्य, 6 जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख एवं 78 प्रधान, उप प्रधानों के लिए चुनाव होना है।