उन्होंने कहा कि राजधानी जयपुर में जनसंख्या के बढ़ते दबाव तथा जर्जर सीवर लाइनों में लीकेज से भूमिगत जल प्रदूषित हो रहा है। इसे रोकने के लिए पूरे शहर में योजनाबद्ध तरीके से सीवरलाइन डालने के लिए दोनों नगर निगमों को पर्याप्त अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए बजट में राज्य सरकार द्वारा धनराशि का प्रावधान किया जाना चाहिए। कर्णावट ने कहा कि शहर में लगभग 6 हजार किमी सीवर लाइन का जाल बिछा हुआ है, जिसमें से आधी से ज्यादा खराब हो चुकी है। पुरानी व जर्जर सीवरलाइनों में लीकेज व ब्लॉकेज होने के कारण सड़क पर गंदा पानी जमा होने तथा रोड़ धंसने की वजह से हादसों की आशंका बनी रहती है। बारिश के दिनों में समस्या अधिक गंभीर हो जाती है जब ब्लॉकेज के कारण सीवर का गन्दा पानी घरों में सप्लाई होने वाले पीने के पानी के साथ आने लगता है इससे बीमारियों का खतरा पैदा होता है।
भूमिगत जल भी हो रहा है प्रदूषित कर्णावट ने लिखा है कि पुरानी और जर्जर हो चुकी सीवर लाइनों को चूहों द्वारा खोखला कर दिया है। जिसकी वजह से शहर का भूमिगत जल भी प्रदूषित हो रहा है। यह गंभीर बीमारियों को आमंत्रण है। साथ ही वर्तमान सीवर लाइन शहर में बढ़ते जनसंख्या के दबाव के कारण नाकाफी है। इसलिए इन लाइनों को बदला जाना जरूरी है।