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जयपुर

Rajasthan budget 2023 : सरसों से मंडी शुल्क और मंडी सैस हटाने की मांग

राजस्थान की सरसों प्रदेश से बाहर जाकर बिक रही है। इससे राज्य सरकार, व्यापारी एवं मजदूर वर्ग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

जयपुरJan 25, 2023 / 12:49 pm

Narendra Singh Solanki

Rajasthan budget 2023 : सरसों से मंडी शुल्क एवं मंडी सैस समाप्त करने की मांग

Rajasthan budget 2023 : सरसों से मंडी शुल्क एवं मंडी सैस समाप्त करने की मांग

राजस्थान की सरसों प्रदेश से बाहर जाकर बिक रही है। इससे राज्य सरकार, व्यापारी एवं मजदूर वर्ग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण सरकार की ओर से सरसों सीड पर मंडी शुल्क एवं मंडी सैस लगाना है। आपको बता दें की वर्तमान में सरसों सीड पर 1 फीसदी मंडी शुल्क और 1.25 प्रतिशत मंडी सैस वसूला जाता है। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने बताया कि 2020-21 में राजस्थान में 35 लाख टन सरसों की पैदावार हुई थी, जिसमें से 25 लाख टन सरसों ही मंडियों में आ पाई। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में प्रदेश में 55 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था, जिसमें से 45 लाख टन सरसों ही राज्य की मंडियों तक पहुंची थी। डाटा ने कहा कि मंडी शुल्क एवं मंडी सैस लागू होने की वजह से राजस्थान की सरसों पड़ोसी राज्यों में बेची जा रही है। इससे बचने के लिए सरसों सीड से मंडी शुल्क और मंडी सैस को तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाना चाहिए। अजय डाटा ने स्टार्टअप पॉलिसी पर भी जोर देते हुए कहा कि राजस्थान में अभी 2200 स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिससे करीब 25 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। यदि राजस्थान सरकार स्टार्टअप ईकोसिस्टम के साथ मिलकर इसका टारगेट 10,000 स्टार्टअप कर दे तो, डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है।
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राज्य बजट राजस्थान को सरसों उत्पादक प्रदेश घोषित करने की मांग

सरसों उत्पादक प्रदेश घोषित करने की मांग

एसोसिएशन ने राजस्थान को सरसों उत्पादक प्रदेश घोषित करने की भी मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि इस साल प्रदेश में करीब 50 लाख टन सरसों पैदावार का अनुमान है। ऐसे में सरकार प्रोत्साहन दे तो उत्पादन बढ़कर 100 लाख टन से अधिक हो सकता है। सरकार किसानों को विशेष पैकेज दे तो राजस्थान में सरसों पैदावार तीन गुना से ज्यादा हो सकती है। इससे खाद्य तेल आयात पर निर्भरता कम होगी। अभी कुल खाद्य तेल खपत का दो-तिहाई आयात करना पड़ता है। नई तेल मिलों की स्थापना से लाखों रोजगार पैदा होंगे।
https://youtu.be/o1bNJIVIX-M

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