उन्होंने बताया कि यह कॉरिडोर भारतीय सेना की युद्ध तैयारी को मजबूती प्रदान करेगा और सैन्य विनिर्माण के क्षेत्र में न केवल राजस्थान बल्कि पूरे उत्तरी क्षेत्र को लाभ पहुंचाएगा। राजस्थान में इस योजना की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में युवा और भूमि दोनों है। युवाओं के कौशल विकास के लिए 120 आइटीआइ को एक बड़ी कंपनी से प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनाई जा रही है।
सप्त शक्ति कमान की ओर से फिकी के सहयोग से आयोजित सत्र में आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा कि
राजस्थान का डिफेंस इको-सिस्टम पश्चिमी सीमा पर स्थित होने के कारण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यहां सैन्य जरूरतों के अनुरूप उपकरण और उत्पाद तैयार करने के लिए एमएसएमई और औद्योगिक क्षेत्र की उन्नति की अपार संभावनाएं हैं।
विशेष उपकरणों का हुआ प्रदर्शन
जयपुर स्थित निजी विनिर्माण इकाई ‘जीत एंड जीत’ ने सुरक्षा के क्षेत्र में मिसाल पेश की है, जिसका मुकाबला विदेशी कंपनियां भी नहीं कर पा रही है। यह इकाई देश-दुनिया के लिए सस्ती बुलेट प्रूफ गाड़ियां बना रही है। ये गाड़ियां सेना से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में प्रयोग की जा रही हैं। पहली बार राजस्थान के सीएम भी बुलेट प्रूफ गाड़ी का प्रयोग कर रहे हैं। सेमिनार में 29 से अधिक उद्योगों और एमएसएमई ने हिस्सा लिया और 23 स्टॉल्स में सेना के लिए विशेष रूप से बनाए गए उपकरण प्रदर्शित किए गए।