टॉपर्स की टफ कहानियों की शुरुआत जयपुर की उषा से करते हैं। उसके पिता सिलकोसिस पेशेंट हैं। आईसीयू मे काफी समय रहे हैं। अभी भी हालत खराब है। उषा प्राईवेट स्कूल में पढ़ती है और उसने 96 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए हैं। उसका कहना था कि जब परीक्षा दे रही थी तो पिता आईसीयू में थे। पिता का चेहरा और उनकी हालत दिमाग में घुम रही थी। डर था कहीं हम उनको खो ना दें, पेपर देते समय ही आंसू निकल आए। लेकिन सभी के आर्शीवाद से अच्छे नंबर आए हैं।
उधर जयपुर की रहने वाली साक्षी, सीकर से पढ़ रही है। उसके माता और पिता की मौत हो चुकी है और दादी कैंसर पेशेंट है। उसके दादा रेहड़ी चलाते हैं। साक्षी से छोटे दो भाई बहन और भी हैं। दोनो और दादी की देखभाल के साथ उसने पढ़ाई शुरू की। वह नीट की तैयारी भी कर रही है। उसके 94 फीसदी से ज्यादा नंबर आए हैं। दादी के गले लगकर उसने खूब आंसू बहाए। उधर कोटा की दीक्षा 92 फीसदी नंबर लाई है। उसके पिता श्रमिक हैं।