वहीं, इस बीच यह भी सामने आया कि पूर्व में उत्तरप्रदेश में हुए पंचायत चुनावों में भी चुनाव डयूटी में लगे 500 शिक्षकों की मौत की खबरें सामने आई थी। इसे लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी 29 अप्रेल को टवीट कर दुख जताते हुए लिखा था कि 500 शिक्षकों की मृत्यु की खबर दुखद और डरावनी है। उन्होंने इनके परिवारों को 50 लाख रूपए मुआवजे और आश्रितों को नौकरी की मांग का समर्थन भी किया था।
… यह ठीक बात है कि संवैधानिक तौर पर कोर्ट के आदेशानुसार तय समय सीमा में चुनाव कराना ही होता है, लेकिन लोगों को जोखिम से बचाने के लिए आयोग के पास कोर्ट में जाने का विकल्प भी खुला था। अब सुप्रीम कोर्ट उस पर जो भी निर्णय देता, उसकी पालना हो जाती।
रामलुभाया, पूर्व चुनाव आयुक्त
… स्थिति हर जगह की अलग अलग हो सकती है। समय व परिस्थिति देखकर निर्णय होना चाहिए। यदि कोविड की पुनरावृति होने की आशंका है तो कोर्ट में अर्जी लगाई जा सकती है। अब कोविड का यह पता नहीं है कि वह आगे किस रूप में आएगा, उसका वैरिएंट किस तरह का होगा, कोई कहता है कम असर होगा, कोई कहता है अधिक असर होगा। दूसरी लहर तो डरावनी थी। इसलिए परिस्थितियों के अनुसार निर्णय होना चाहिए।
जस्टिस पानाचंद जैन