प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा को लिखे पत्र में रावत ने कहा कि प्रत्याशी बनाए जाने से पहले उनसे सहमति भी नहीं ली गई। उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने की सूचना भी सोशल मीडिया से मिली। जबकि कारोबार के सिलसिले में मुझे दो माह विदेश दौरे पर रहना है। ऐसे में इस तरह के निर्णय उचित नहीं हैं।
रावत ने डोटासरा को भेजे पत्र में कहा कि किसी योग्य व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा जाए। इससे पहले कांग्रेस जयपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित कर फंस चुकी है। यहां आरोपों के चलते सुनील शर्मा का टिकट बदलकर प्रतापसिंह खाचरियावास को देना पड़ा था।
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सुदर्शन सिंह रावत ने अपने पत्र में कहा कि 2018 में वे पहली बार भीम देवगढ़ से विधायक चुने गए थे। इस दौरान उन्होंने विकास के खूब काम कराए, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव के 3 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव लड़ने का हक नहीं है। पार्टी यहां पर किसी योग्य व्यक्ति को टिकट देकर चुनाव लड़ाए।