पीएम मोदी के भरोसे भाजपा, स्थानीय चेहरा साफ नहीं भाजपा अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी फिलहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भरोसे ही है। राजस्थान में पार्टी ने अभी तक किसी भी चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ने का ऐलान नहीं किया है। इस वजह से पार्टी नेताओं में ही नहीं, कार्यकर्ताओं में भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। पार्टी नेताओं में एक ही सवाल है कि आखिर कौन होगा, जिसके चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा या फिर ऐसा नहीं होगा। वसुंधरा राजे की चुनाव में क्या भूमिका होगी। यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। पार्टी 2003 से लेकर 2018 तक के विधानसभा चुनावों में राजे को आगे रखकर ही लड़ी है, लेकिन इस बार अभी तक राजस्थान में उनकी भूमिका तय नहीं हुई है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर नई नियुक्तियां कर दी है। अब सिर्फ चुनाव अभियान समिति के पद पर किसी नेता की नियुक्ति होनी है। यह तो तय है कि जिस तरह से पार्टी का चुनावी अभियान चल रहा है, उसमें किसी को सीएम का चेहरा घोषित करना मुश्किल ही नजर आ रहा है। ऐसे में नेताओं के समर्थकों की स्थिति भी असमंजस वाली बनी हुई है।
गहलोत सरकार चल सकती है ये अगला दांव
गहलोत सरकार चुनावी फायदा लेने के लिए नया दांव राजस्थान में पेट्रोल-डीजल के दामों को राज्य स्तर पर घटा सकती है। इसमें वैट को कम करने के सीधे तरीके के अलावा रोड सेस को भी कम करके सरकार लोगों को राहत दे सकती है। राजस्थान में पेट्रोल पर 31 रुपए 4 पैसे वैट और 1.5 रुपए रोड सेस लगता है। इसी तरह डीजल पर 19 रुपए 30 पैसे वैट और 1.75 रुपए रोड सेस लगता है। इसे घटाने के लिए डीलर भी सरकार पर दबाव बना रहे हैं और कई बार हड़ताल भी कर चुके हैं।