किसानों के लिए बन सकती है आर्थिक संकट का कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि कपास की आवक में आई यह गिरावट किसानों के लिए भी आर्थिक संकट का कारण बन सकती है, क्योंकि कपास इन राज्यों में प्रमुख नकद फसल मानी जाती है। कपास को व्हाइट गोल्ड के नाम से पुकारा जाता है। 60 लाख गांठ कपास की आई कमी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पंजाब, हरियाणा और
राजस्थान में 2024-25 के सीजन के दौरान कपास की आवक में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इन राज्यों से अब तक केवल 80 लाख गांठ
कपास की आवक हुई है। गत वर्ष इसी समय तक यह आंकड़ा लगभग 140 लाख गांठ था।
किसान ही नहीं उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी
ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि कपास की आवक में गिरावट से सिर्फ किसानों पर ही असर नहीं पड़ेगा बल्कि कपास और उससे बने उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। कपास की कमी से स्थानीय बाजारों में इसकी कीमतें पहले ही बढ़ने लगी हैं।
मंडियों में कपास की कीमत
₹6,000 से ₹8300 प्रति क्विंटल बिक रहा कपास अभी मंडियों में, वर्ष 2021 में इसका कीमत ₹13,000 से 14,000 प्रति क्विंटल थी।