नतीजतन विदेशी ग्राहक भारत की बजाए चीन से माल खरीदने की ओर रुख कर रहे है। इस संकट से जयपुरए जोधपुर सहित दिल्लीए मुरादाबादए पानीपतए सहारनपुरए आगराए फिरोजाबाद आदि शहरों के निर्यातक पीड़ित है। देश में सबसे ज्यादा लकड़ी के हैण्डीक्राफ्ट व फर्नीचर उत्पादों का निर्यात जोधपुर से होता है।
वर्ष 2020 में कोरोना संकट के बाद से देश में भाड़ा बढ़ना शुरू हुआ था, जो अब तक छह गुना तक बढ़ गया है। भारत.चीन के पोर्ट्स से अमरीका के विभिन्न पोर्ट्स के लिए कंटेनर भाड़ा 12 से 18 हजार डॉलर तक पहुंच गए थे।
जोधपुर का हैण्डीक्राफ्ट उद्योग 200 से अधिक इकाइयों में काम ठप
विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट उद्योग में करीब 200 से अधिक कारखानों में काम पूर्णरूप से ठप पड़ा है। लोहे से बनने वाल हैन्डीक्राफ्ट की हालत तो और ज्यादा खस्ता है। 5 माह में 30.35 हजार से अधिक लोग बेरोजगारी का सामना कर चुके है ।
केन्द्रीय कपड़ा मंत्री को अवगत कराया है कि समस्या का समाधान नहीं किया तो भारत से कंटेनर से माल निर्यात में भारी गिरावट हो सकती है। नवनीत झालानी, कोऑर्डिनेटर, राजस्थान हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स ज्वाइंट फोरम, जयपुर
कंटेनर से माल एक्सपोर्ट करने वाले निर्यातकों के हित सुरक्षित रखने के लिए केन्द्र सरकार को ठोस और कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। केन्द्र तुरंत शिपिंग कोस्ट को नियंत्रित करे। डॉण् भरत दिनेश, अध्यक्ष, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन