scriptLunar Eclipse 2023: खतरनाक होगा साल का पहला चंद्रग्रहण, जानें क्या होगा ग्रहण का असर | Chandra Grahan 2023 Date And Time, Side Effects Of First Lunar Eclipse Of 2023 | Patrika News
जयपुर

Lunar Eclipse 2023: खतरनाक होगा साल का पहला चंद्रग्रहण, जानें क्या होगा ग्रहण का असर

Chandra Grahan 2023: सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के तीन अवतारों के प्राकट्योत्सव मनाने की शुरुआत गुरुवार से हुई। विभिन्न योग संयोगों में भगवान विष्णु के नृसिंह रूप की पूजा अर्चना की गई। ज्योतिषविदों के मुताबिक द्वापर युग के बाद इसी तिथि पर बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु ने नवां अवतार लिया था।

जयपुरMay 05, 2023 / 10:25 am

Akshita Deora

chandra grahan

जयपुर. Chandra Grahan 2023: सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के तीन अवतारों के प्राकट्योत्सव मनाने की शुरुआत गुरुवार से हुई। विभिन्न योग संयोगों में भगवान विष्णु के नृसिंह रूप की पूजा अर्चना की गई। ज्योतिषविदों के मुताबिक द्वापर युग के बाद इसी तिथि पर बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु ने नवां अवतार लिया था। इस तरह वैशाख मास की चतुर्दशी और पूर्णिमा, इन दो तिथियों में भगवान के तीन अवतारों की पूजा अर्चना की जा रही है।

 

बुद्ध पूर्णिमा—पीपल पूर्णिमा के रूप में शुक्रवार को मनाई जाएगी। जप, तप के साथ ही स्नान, दान के लिए दिनभर खास रहेगा। विभिन्न संगठन की ओर से परिवारों में एकजुटता के साथ ही हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही कई अनुष्ठान होंगे। मन्दिरो में ठाकुर जी को सफेद पोशाक धारण करवाई जाएगी। मंदिरों में ठाकुर जी धवल पोशाक में दर्शन देंगे। इसके साथ ही ऋतु फलों का भोग लगेगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से सुबह आठ से दस बजे तक गृह-गृह यज्ञ के तहत जयपुर जिले में 10 हजारों घरों में एक साथ यज्ञ कराए जाएंगे। जूम एप के माध्यम से भी यज्ञ होगा। लोग मोबाइल पर लिंक ऑपन कर यज्ञ कर सकेंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति के रूप में एक पौधा लगाने और रक्तदान-अंगदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी को इसका कंट्रोल रूप बनाया है। 24 चेतना केन्द्रों पर भी इसके प्रभारी नियुक्त किए हैं।

यह भी पढ़ें

Lunar eclipse : चंद्र ग्रहण आज, जानिए कब और कहां देगा दिखाई

यह रहेगा असर
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि विश्व पटल पर इस दिन सूर्यग्रहण के बाद 15 दिन में उपछायी चंद्रग्रहण होने से वायुमंडल में प्राकृतिक विषमताओं का दौर हावी रहने के आसार हैं। आंधी, बारिश, ओलावृष्टि, हिमपात की घटनाएं बढ़ेेगी। धातु पदार्थों में सोना—चांदी, तेल में तेजी का दौर जारी रहेगा। लाल रंग की वस्तुओं में तेजी रहेगी। बीते तीन साल से लगातार विश्व में अलग—अलग जगहों पर बुद्धपूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना हो रही है।


ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष स्थान है। दान, पूजा के साथ ही नदियों में स्नान करने की परंपरा है। मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखने के साथ ही जल पात्र, कुल्हड़, पंखे, चप्पलें, छाता, घी, फल, चीनी, चावल, नमक का दान शुभकारी होता है। इस दिन दान से मन को शांति मिलती है।

यह भी पढ़ें

वैशाखी पूर्णिमा में आज आएगा पश्चिमी विक्षोभ, लगेगा चंद्र ग्रहण,होंगे दान-पुण्य

रात 8.44 बजे से शुरू होगा ग्रहण
ज्योतिषविदों के मुताबिक उपछायी चंद्रग्रहण होने से भारत में देर रात तक दिखाई देगा। हालांकि सूतक काल मान्य नहीं होगा। भारतीय समयानुसार रात 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि करीब 1 बजकर 2 मिनट तक यह दृश्य दिखाई देगा। अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी। ग्रहण के दौरान भारत सहित अन्य देशों में चंद्रमा की रोशनी धूमिल अवस्था में नजर आएगी। लेकिन चंद्रमा का कोई भी भाग कटा हुए दिखाई नहीं देगा। यानि चंद्रमा की चांदनी थोड़ी फीकी नजर आएगी। विश्व की कुल आबादी का लगभग 70 प्रतिशत लोग इस खगोलीय घटना को खुली आंखों से देख सकेंगे। भारत के अलावा यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, नॉर्थ पोल पर दृश्य होगा। चंद्रमा को पश्चिमी देशों में मौसम में ज्यादा खिलने वाले फूलों के कारण फ्लॉवर मून नाम दिया गया है।

https://youtu.be/d-ZlxTcQR8U

Hindi News / Jaipur / Lunar Eclipse 2023: खतरनाक होगा साल का पहला चंद्रग्रहण, जानें क्या होगा ग्रहण का असर

ट्रेंडिंग वीडियो