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Patrika opinion भारत को ट्रंप की छवि से आगे देखने की जरूरत

मस्क अपने देश में उन अभियानों के पक्ष में बोलने लगे हैं जिनसे प्रवासियों के हित प्रभावित होते हैं। उन्होंने ‘गेमिंग इंडस्ट्री’ के लिए नया प्लेटफॉर्म शुरू करने की घोषणा की है, जिससे माइक्रोसॉफ्ट और सोनी जैसी कंपनियों को टक्कर देकर गेंमिंग इंडस्ट्री को हिलाने का दावा किया जा रहा है।

जयपुरNov 29, 2024 / 10:16 pm

Gyan Chand Patni

Donald Trump

Donald Trump

‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति से अपने देश को फिर से महान बनाने का वादा कर राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले डॉनल्ड ट्रंप की छवि को भले ही भारत के पक्ष में देखा जा रहा है, पर जिस तरह के नैरेटिव गढ़कर रिपब्लिकन पार्टी ने जीत हासिल की है, उसके संभावित दुष्प्रभाव के प्रति सतर्कता की भी जरूरत है। ट्रंप के कुर्सी संभालने के पहले ही डॉलर की मजबूती से रुपए के कमजोर होने के सिलसिले से भारत में महंगाई बढऩे व ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों पर पानी फिरने के आसार हैं। ट्रंप की नीतियां फेडरल रिजर्व को अपने दर कटौती चक्र पर ब्रेक लगाने को बाध्य कर सकती है।
ट्रंप की जीत में सतह के नीचे ‘वाइट सुपरमेसी’ और सतह के ऊपर प्रवासियों का मुद्दा गरम रहा है। ये दोनों कहीं न कहीं भारत के खिलाफ जा सकती हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भारत के आयात शुल्क को मुद्दा बनाया था और यहां तक कहा था कि ‘मोदी तो अच्छे हैं लेकिन, भारत का टैरिफ सिस्टम ठीक नहीं है।’ हाल ही में ट्रंप ने अमरीका के तीन बड़े साझीदारों मैक्सिको, कनाडा और चीन पर गलत कारोबारी व्यवहार और प्रवासियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर अतिरिक्त टैक्स लगाने की धमकी दी है। मैक्सिको-कनाडा पर 25 फीसदी और चीन पर 10 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा में फिलहाल भारत को अलग भले ही रखा गया हो, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में विश्व व्यापार संघ (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकलने की धमकी देते हुए कहा था कि चीन और भारत जैसे देश इसका फायदा उठा रहे हैं। ट्रंप के सहयोगी और कार्यकुशलता विभाग के प्रमुख एलन मस्क अपनी कंपनी का विस्तार करने के लिए भारत सरकार से रियायतों की मांग कर रहे हैं। अमरीका भारत से ऐसी रियायतों के लिए दबाव बना सकता है जिनसे भारतीय प्रतिस्पर्धियों पर प्रतिकूल असर पड़े। भारतीय टेलीकॉम कंपनियां अभी से मस्क के आगमन के संभावित नकारात्मक प्रभाव को लेकर सतर्क हैं। मस्क अपने देश में उन अभियानों के पक्ष में बोलने लगे हैं जिनसे प्रवासियों के हित प्रभावित होते हैं। उन्होंने ‘गेमिंग इंडस्ट्री’ के लिए नया प्लेटफॉर्म शुरू करने की घोषणा की है, जिससे माइक्रोसॉफ्ट और सोनी जैसी कंपनियों को टक्कर देकर गेंमिंग इंडस्ट्री को हिलाने का दावा किया जा रहा है। यह घोषणा एक तरह से माइक्रोसॉफ्ट के भारतवंशी सीईओ सत्या नडेला को बदनाम करने वाले अभियान का समर्थन करते हुए की गई है जिसमें नडेला पर नौकरियों में गोरे लोगों की उपेक्षा करने के आरोप लग रहे हैं। ऐेसे में ट्रंप का राज दो धारी तलवार की तरह होगा, जिसके प्रति भारत को सतर्क रहना चाहिए।

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