Q राजस्थान में मतदान में तीन दिन का समय शेष है। नतीजों को लेकर आपका क्या आकलन है?
भाजपा 125 से अधिक सीटें जीतने जा रही है। कांग्रेस के अनेक मंत्री चुनाव हार रहे हैं। भाजपा ने गहलोत सरकार की विफलताओं को मतदाताओं के सामने रखा। मतदाता पार्टी के साथ खड़े हैं।
Q आपका मानना है कि इस बार राजस्थान में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। आप इसका क्या कारण मानते हैं?
मतदाताओं ने गहलोत सरकार का कामकाज देखा है। साढ़े चार साल तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कुर्सी की लड़ाई चलती रही। इस लड़ाई में जनता पिसती रही। परीक्षाओं के पेपर लीक होते रहे। कानून व्यवस्था नाम की राजस्थान में कहीं कोई चीज नहीं रह गई थी। प्रदेश को माफिया चला रहा था।
Q अशोक गहलोत तो कह रहे हैं कि उनकी सरकार हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज ही बदलने जा रही है…
ये पब्लिक है, सब जानती है। गहलोत सरकार के बारे में उनके मंत्री और विधायकों ने क्या कमेंट किए, सब जानते हैं। लाल डायरी के राज सामने आ रहे हैं। कांग्रेस के दो मंत्रियों ने तो हार के डर से चुनाव लड़ने से ही इंकार कर दिया। ट्रांसफर उद्योग कितना फला-फूला, किसी से छिपा नहीं है।
Q आप कह रहे हैं कि भाजपा सरकार बनाने जा रही है, लेकिन आपकी पार्टी के दो दर्जन बागी मैदान में हैं…
मतदाता नरेन्द्र मोदी पर भरोसा करता है। मोदीजी के कहने से मतदाता कमल के फूल का बटन दबाकर कांग्रेस के माफियाराज को खत्म करने की ठान चुका है। ऐसे में मतदाता बागी उम्मीदवार क्यों चुनेंगे।
Q सबसे अहम सवाल ये कि भाजपा की सरकार आई तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
महत्त्वपूर्ण यह है कि प्रदेश में जंगलराज खत्म होकर जनहित में फैसले लेने वाली सरकार बने। मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके लिए पहले विधायकों की राय ली जाएगी। फिर पार्टी का संसदीय बोर्ड सभी पहलुओं पर विचार करके फैसला लेगा। भाजपा सामूहिक नेतृत्व से फैसले लेती है। यहां कांग्रेस की तरह एक परिवार का फैसला नहीं चलता। इसलिए मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह अधिक महत्त्व नहीं रखता।
Q ऐसा देखा गया कि इस बार पार्टी ने अनेक दलबदलुओं को टिकट दिए। एक दिन पहले तक पार्टी में शामिल होने वालों को टिकट दिए गए। क्यों?
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सभी सीटों पर प्रत्याशी मैदान में हैं। रणनीति के तहत कुछ सीटों पर दूसरे दल से आए लोगों को भी टिकट दिए गए हैं। पहले भी ऐसे टिकट दिए जाते रहे हैं। पार्टी जब विस्तार करती है तो दूसरे दलों के नेता विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल होते हैं।