इधर त्रिवेणी नदी का गेज सुबह से ही 4.20 मीटर के स्तर पर ही बना हुआ है। इससे बांध में पानी की आवक जबरदस्त तरीके से हो रही है। इधर पानी का बहाव यही रफ्तार से रहा या फिर इससे भी तेज हुआ तो 24 घंटे से पहले भी गेट खोले जा सकते हैं। यह निर्णय प्रशासन को ही लेना है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि पानी की आवक को देखते हुए आज देर रात भी गेट खोलने का निर्णय किया जा सकता है।
समय | जलस्तर (मीटर) |
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सुबह 6 बजे | 315.08 |
सुबह 8 बजे | 315.11 |
सुबह 10 बजे | 315.13 |
दोपहर 12 बजे | 315.16 |
दोपहर 2 बजे | 315.19 |
कुल वृद्धि (8 घंटे में) | 11 सेंटीमीटर |
बांध की भराव क्षमता | 315.50 मीटर |
वर्तमान जलस्तर | 315.19 मीटर |
बांध वर्तमान खाली | 31 सेंटीमीटर |
बीसलपुर बांध के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध में पानी की तेज आवक हो रही है। बांध के गेट खोलने को लेकर तैयारियां पूरी हैं। इसके लिए जिला कलक्टर को सूचित कर दिया है। उनके साथ आगामी व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की जाएगी। बांध में त्रिवेणी का पानी फिलहाल तेज रफ्तार से आ रहा है। बांध में पानी की आवक को देखकर ही बांध के गेेटों के खोलने की संख्या व ऊंचाई का निर्णय किया जाएगा। बांध में कुल 18 गेट हैं।
बांध के गेट खुलने को लेकर चार जिलों की जनता ही खुश नहीं है, बल्कि बांध के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अलग तरह की खुशी झलक रही है। बांध के गेट खुलने को वे त्योहार से कम नहीं मान रहे हैं। बीसलपुर बांध के पूर्ण जलभराव होकर छलकने के बाद निकटवर्ती राजमहल कस्बे में उत्सव मनाया जाता है। जो पूर्ण जलभराव के करीब पहुंचने से लोगों ने इस उत्सव की तैयारी शुरू कर दी है। लोगों ने बताया कि इस दौरान प्रत्येक घर में चूरमा बाटी बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। वहीं गांव में मेले का आयोजन होता है। जिसमें निकटवर्ती सहित दूर दराज से लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं।