सरकार ने नए शपथ पत्र में सुप्रीम कोर्ट से एसीबी की ओर से केस वापस लेने के फैसले को सही ठहराने और धारीवाल को राहत देने वाले हाईकोर्ट आदेश को रद्द करने का आग्रह किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अप्रेल 2024 में बिना विधिक सलाह लिए अधिकारियों ने अपने स्तर पर शपथ पत्र पेश किया, सरकार ने केस के प्रभारी अधिकारी को बदल दिया।
लगाए गंभीर आरोप
एएजी शर्मा ने कहा कि एसीबी ने धारीवाल व अन्य से प्रभावित होकर 3 क्लोजर रिपोर्ट पेश की। इसी कारण एसीबी कोर्ट ने दो क्लोज़र रिपोर्ट खारिज कर दी और तीसरी पर कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया। इसी बीच आरोपी हाईकोर्ट चले गए, 17 जनवरी 2023 को हाईकोर्ट ने केस वापस लेने के राज्य सरकार के निर्णय को सही मान लिया। शर्मा ने मामला पुन: ट्रायल कोर्ट भेजने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि 29 जून 2011 को जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के शैलेंद्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया। इसकी 2013 में रामशरण सिंह ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत की। इसके बाद पट्टा निरस्त हो गया, लेकिन तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, आरएएस अधिकारी निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी व अन्य की गिरफ्तारी हुई। एसीबी ने धारीवाल से भी पूछताछ की। रामशरण सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे सुरेंद्र सिंह ने केस वापस लेने की सहमति दी।