अवैध रूप से
धर्म परिवर्तन में मदद करने वालों को भी सजा के लिहाज से अपराधी माना जाएगा। विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर ही कानून बन सकेगा। इसी बीच केन्द्र सरकार के पास 16 साल से अटका राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2008 भी राज्य सरकार ने वापस ले लिया।
इसलिए बना रहे कानून
सरकार का कहना है कई दूसरे राज्यों की तरह राजस्थान में धार्मिक स्वतंत्रता का कानूनी प्रावधान नहीं है। इसलिए यह कानून बनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत दर्ज होने वाले अपराधों को गैर जमानती व संज्ञेय अपराध घोषित किया जाएगा। लव जिहाद को लगेगा झटका
बहला-फुसलाकर, जबरन या पैसा देकर शादी करने पर फैमिली कोर्ट ऐसी शादी को रद्द कर सकेगा, पीड़ित महिला या नाबालिग हो तो सजा दो से 10 साल तक होगी। इसके अलावा 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगेगा। एक से अधिक बार अपराध करने वालों को दो गुना तक सजा होगी।
वैध धर्म परिवर्तन के लिए देनी होगी सूचना
प्रावधान किया जा रहा है कि वैध रूप से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को कलक्टर को कम से कम 60 दिन पहले सूचना देनी होगी। धर्म परिवर्तन के लिए समारोह की एक माह पूर्व कलक्टर को सूचना देनी होगी। धर्म परिवर्तन किए जाने के बाद भी संबंधित व्यक्ति को 60 दिन के भीतर कलक्टर को शपथ पत्र के जरिए सूचना देनी होगी।