उन्होंने पूछा था कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 6 अक्टूबर 2023 को प्रदेश में तीन नए जिले मालपुरा, कुचामन और सुजानगढ़ बनाने की घोषणा की गई थी? यदि हां, तो क्या उक्त जिलों की अब तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है? विवरण सदन की मेज पर रखें। साथ ही यह भी बताएं कि क्या सरकार उक्त जिलों की अधिसूचना जारी कर उक्त का सीमांकन करवाने का विचार रखती है यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो क्यों ? विवरण सदन की मेज पर रखें।
सरकार ने जवाब दिया है कि इस संबंध में उच्च स्तरीय समिति की अनुशंषा प्राप्त नहीं होने से राजस्व विभाग द्वारा घोषित जिलों के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की गई है। उक्त घोषित जिलों के गठन एवं सीमांकन के संबंध में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाना सम्भव होगा। प्रशासनिक सुधार विभाग के पत्र दिनांक 17.12.2023 में प्रदत्त निर्देशों के अनुसरण में राजस्व विभाग के 18 दिसंबर, 2023 को निकले आदेश से उच्च स्तरीय समिति (जिला गठन) को समाप्त किया जा चुका है। ऐसे में ये तीन जिले अस्तित्व में नहीं आ पाए हैं।
ईआरसीपी में बजरी खनन की खुली छूट, 3 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप
ईआरसीपी की खुदाई में गाद निकालने के नाम पर एक फर्म को बजरी खनन की छूट का मामला गूंजा। स्थगन के जरिए सादुलपुर विधायक मनोज कुमार ने मामला उठाया। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी में एक विशेष फर्म को 20 साल के लिए मामूली दामों पर गाद निकालने के नाम पर बजरी खनन की छूट दे दी गई है। फर्म ने इसे कमाई का साधन बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्म ने करीब 3270 अरब रुपए का घोटाला किया है। क्या सरकार इसे उजागर करके लीज को निरस्त करेगी।
नहीं संभले तो विपक्ष में आकर बैठ जाएंगे
रामगढ़ विधायक जुबेर खान ने महिला अपराध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जो सरकार रामराज की स्थापना की बात कर रही है, वह राज्य में सामने आ रही है। सरकार प्रदेश में महिला अपराधों को नहीं रोक पा रही है। हमारे समय में क्या हुआ यह छोड़ दीजिए, अब आप संभाले नहीं तो आप भी विपक्ष में आकर बैठ जाएंगे। बयाना विधायक डॉ.रितु बानावत ने सर्द रात में किसानों की सिंचाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि किसानों को दिन में बिजली नहीं मिल पा रही है, मैंने स्वयं जाकर देखा है। रात में भी जो बिजली दी जा रही है उसमें भी काफी ट्रिपिंग हो रही है।
मंत्री के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए विधायक रोत
विधायक राजकुमार रोत ने अनुसूचित क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम के तहत जारी पट्टों का मामला प्रश्नकाल में उठाया। मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा हम पट्टे नहीं अधिकार पत्र देते हैं। खराड़ी के जवाब के दौरान अटकने और दूसरे मंत्रियों के सहायता करने पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया। सदन में इसी दौरान डोटासरा और सत्तापक्ष में नोकझोंक भी हुई।
देवनांनी ने सख्ती दिखाई। इसके बाद खराड़ी ने कहा कि केवाईसी कोई योजना नहीं सिर्फ दस्तावेज सत्यापित करने की प्रक्रिया है। वन भूमि है, इसलिए हम कृषि कनेक्शन नहीं दे पा रहे है। इस पर विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि 25 हजार लोगों के पट्टे रद्द हुए और 5 हजार को पट्टे मिल गए। क्या पट्टेदारों को कृषि कनेक्शन मिलेगा या नहीं ? इसके बाद खराड़ी के उत्तर से रोत संतुष्ट नजर नहीं आए। स्पीकर ने निर्देश दिए कि आप मंत्री से मिलकर चर्चा करें।