बता दें, चौरासी विधानसभा सीट पर जीत के बाद भारतीय आदिवासी पार्टी विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है। यह बाप पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
‘भील प्रदेश की मांग कायम रहेगी’
विधानसभा के बाह चौरासी से नवनिर्वाचित विधायक अनिल कटारा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी पार्टी की भील प्रदेश की मांग हमेशा कायम रहेगी। कटारा ने कहा कि भील प्रदेश हमारे पुरखों की मांग है, यह मांग हमारी जारी रहेगी। हमारी मांग यह है कि जो चार राज्य हैं उनसे मिलाकर हम भील प्रदेश बनाने की मांग करेंगे, हम उम्मीद करेंगे कि हमें हमारा भील प्रदेश मिल जाए। कटारा ने कहा कि चार राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों को मिलकर भील प्रदेश बनाएंगे। ‘पहला लक्ष्य पलायन रोकना’
विधायक अनिल कटारा ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य होगा दक्षिण राजस्थान से पलायन रोकना है। सलूम्बर में हार पर उन्होंने कहा कि सलूम्बर चुनाव में थोड़ी कसर रह गयी है, लेकिन अगली बार विधानसभा चुनाव में बाप पार्टी का प्रदर्शन सबको चौंका देगा। वहीं, चौरासी सीट पर कम मार्जीन से हार को लेकर कहा कि सरकार ने यहां पानी की तरह पैसा बहाया, कई मंत्री-विधायकों को लगाया, प्रशासन का जमकर दुरूपयोग किया…इस वजह से हार का अंतर कम हुआ है।
BAP तीसरी सबसे बड़ा पार्टी
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस के बाद बाप सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बाप के 4 विधायक हो गए हैं। उपचुनाव के बाद बीजेपी के 119 विधायक, कांग्रेस के 66, बाप के 4, बसपा के 2, आरएलडी का 1 और 8 निर्दलीय विधायक हैं। आदिवासी बाहुल्य 3 जिलों से बाप के 4 विधायक हैं। डूंगरपुर जिले की आसपुर और वौरासी, बांसवाड़ा की बागीदौरा और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से बाप के विधायक हैं। सातों विधायकों ने ली शपथ
गौरतलब है कि मंगलवार को बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, झुंझुनूं से अमित ओला को हराकर विधायक बने राजेंद्र भांबू, सलूंबर विधायक शांता देवी मीणा, चौरासी से बीजेपी के कारीलाल ननोमा को हराकर आए अनिल कटारा, दौसा से डीसी बैरवा, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर और रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह ने शपथ ली।