इनमें से पांच दोषियों को जमानत के प्रार्थना पर राहत दे दी, वहीं दो दोषियों के सजा निलंबन के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से कहा कि वे पांच साल से जेल में हैं और अपील के निस्तारण में समय लगेगा। पांच जनों के खिलाफ सीआई व कांस्टेबल पर गोली चलाने का सीधा आरोप नहीं है। मुख्य अभियुक्त अजय व जगदीप की ही घटनास्थल पर मौजूदगी थी। बरामद हथियार भी एफएसएल रिपोर्ट से मेल नहीं खाता। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा कि दो पुलिसकर्मियों की हत्या का मामला है, ऐसे में सजा को स्थगित नहीं किया जा सकता।
यह था मामला6 अक्टूबर, 2018 को रात्रि गश्त के दौरान पुलिस निरीक्षक मुकेश कानूनगो व कांस्टेबल रामप्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। फतेहपुर की एडीजे कोर्ट ने 11 जुलाई 2023 को सात जनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।