जबलपुर। पितृ पक्ष में पहले दिन हजारों लोगों ने नर्मदा पर पहुंचकर अपने पितरों को जल तर्पण किया। धार के बीच खड़े होकर कुश के सहारे जल तर्पण किया। पितृपक्ष के पहले दिन नर्मदा के ग्वारीघाट पर पहुंचे लोगों ने पुरखों को पानी दिया। सुबह तड़के शुरू हुआ सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। पितृपक्ष के पहले दिन लोगों ने मुंडन कराकर श्राद्ध भी किया।
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पंडित विपिन शास्त्री के अनुसार श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों में लोग घर, नदी, तालाब पर जाकर पुरखों को पानी देते हैं। मान्यता है कि इन 15 दिनों में पुरखे धरती पर उतर आते हैं, इसलिए उन्हें पानी दिया जाना आवश्यक है। साथ ही जल तर्पण करने वाला व्यक्ति नियम-संयम धारण करता है।
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ऐसे देते हैं पानी और भोजन
घरों में स्नान करने के बाद पुरखों को पानी दिया जाता है। इसके पूर्व तिल और कुश से पूजा की जाती है। चालव और तिल छत पर रखे जाते हैं। जिन्हें पक्षी खाते हैं। कहा जाता है पूर्वज पक्षी के रूप में पहुंचकर पानी और भोजन ग्रहण करते हैं। मृत्युतिथि को श्राद्ध करने की परंपरा है।
यहां दिया पितरों को पानी
जबलपुर के ग्वारीघाट, तिलवाराघाट के अलावा लोगों ने नदी, तलाब के किनारे पहुंचकर पूर्वजों को पानी दिया। सुबह से पानी देने का क्रम दोपहर तक चलता रहा। तिलवारा घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।