जबलपुर. निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। फीस लौटाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन, स्कूल संचालकों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। इसके चलते अभिभावकों को अब तक वास्तविक राहत नहीं मिल सकी है। एक भी निजी स्कूल ने अब तक फीस नहीं लौटाई है। परेशान अभिभावक स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
स्कूलों की ओर से नजायज तरीके से 200 करोड़ से अधिक की राशि अभिभावकों से वसूली गई है। इस राशि को वापस करने के निर्देश जिला समिति ने दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिस तरीके से यह राशि अभिभावकों से ली गई उसी तरह उसे वापस किया जाए। लेकिन, असल अब तक स्कूल राशि वापस करने अथवा उसको फीस में समाहित करने से बच रहे हैं।
पेनल्टी पर लगेगी पेनाल्टी
जानकारों के अनुसार कुछ स्कूलों ने विभाग को फीस वापस करने के लिए कहा है तो कुछ ने लिखित में आश्वासन देने की बात की है। विभाग ने कहा है कि यदि स्कूल अभिभावको को फीस वापस नहीं की जाती है तो उनके खिलाफ दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा। यदि स्कूलों ने जल्द ही फीस वापसी की प्रक्रिया शुरू नहीं की तो उन पर कड़ी पेनाल्टी लगाई जाएगी।
छात्र संगठनो में नाराजगी
इस मामले को लेकर छात्र संगठनों में खासी नाराजगीहै। एमपी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष अभिषेक पांडे ने कहा कि प्रशासन के निदेशों का पालन करने से स्कूल बच रहे हैं, जिससे अभिभावकों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस सबंध में प्रशासन को पक्ष रखा जाएगा। मप्र प्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्क्ष सचिन गुप्ता ने कहा कि सैकडों अभिभावकों ने प्रशासन के निर्णय की आशा में फीस जमा नहीं की है। स्कूलों द्वारा जबरिया दबाव बनाया जा रहा है संघ विरोध दर्ज कराएगा।
कई अभिभावकों ने नहीं जमा की फीस
इस पूरे मामले ने अभिभावकों को सबसे ज्यादा परेशान कर दिया है। प्रशासन के निर्णय के बाद स्कूलो में बड़ी संया में अभिभावकों ने महीनों से फीस नहीं जमा की। यह उमीद करते हुए कि स्कूल प्रशासन जल्द ही उन्हें उनका पैसा वापस करेगा अथवा फीस का समयोजन करेगा।
स्कूलों को फीस वापसी के निर्देश समिति द्वारा दिए गए हैं। इसका पालन करना स्कूलों को अनिवार्य है। जो स्कूल पालन नहीं कर रहे है, उनकी जानकारी प्राप्त की जा रही है। प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा।
घनश्याम सोनी, पदेन सचिव जिला समिति
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