आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में प्रातःकाल मंगला झांकी पश्चात ठाकुरजी का अभिषेक किया गया। ठाकुरजी को पीले रंग की नई धोती दुपट्टा धारण करवाकर शीतलता प्रदान करने के लिए विशेष केसर चंदन का लेप किया गया। इस दौरान फव्वारे की सेवा भी लगाई गई। ठाकुरजी के भोग में शर्बत, ठंडाई, सत्तु, भीगी चनादाल व पंचमेवा, श्रीखंड के साथ तरबूज जैसे ठंडी तासीर के व्यंजन शामिल किए गए।
आखातीज पर 6 शुभ संयोग
आखातीज पांच साल कृतिका नक्षत्र में अक्षय तृतीया आ रही है, जिसके चलते 6 विशेष शुभ संयोग रहेंगे, जो फलदायक होंगे। संयोग से इसदिन देवगुरु बृहस्पति भी सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर अपनी मित्र राशि मेष में प्रवेश करेंगे। इस दिन किए गए स्नान, दान, जप और पितृ व श्राद्ध तर्पण आदि का फल अक्षय होता है। इस दिन खरीददारी का विशेष फल प्राप्त होता है।
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यहां भी आयोजन
—चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधा-दामोदरजी में मंगला झांकी के बाद चंदन शृंगार के विशेष दर्शन भक्तों को कराया गया। ठाकुरजी के चंदन का लेप किया गया। राजभोग झांकी में श्रीखंड, रसीले फलों में आम, तरबूज, खरबूज, अंगूर का भोग लगाया गया।
—मंदिर श्रीआनंदकृष्ण बिहारीजी में ठाकुरजी को ठंडाई, शरबत, सत्तु, आमरस, खरबूजा, तरबूज आदि ठंडे व्यंजनों का भोग लगाने के साथ ही नरवर रूप की पोशाक धारण करवाई गई। ठाकुरजी की सेवा में भी बदलाव शुरू हो गया है। ठाकुरजी को चंदन लेप करने के साथ चने की दाल व ककड़ी व मिश्री का भोग भी लगाया गया।
—पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी के भोगराग व पहनावे में बदलाव के साथ उन्हें अक्षय तृतीया पर ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया गया।