उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की ओर से अलग से कृषि बजट पेश करने का फैसला सही था। कृषि बजट अलग से पेश करने की परंपरा ठीक है, क्योंकि प्रदेश में एक बड़ा तबका है, जो खेती से जुड़ा है। अलग से कृषि बजट पेश करने से उन्हें ज्यादा फायदा मिल सकता है। उन्होंने पिछली सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए जो योजनाएं चलाई थी, वह आगे भी जारी रहनी चाहिए, लेकिन वो योजनाएं धरातल पर कितनी उतरी, इसकी समीक्षा की जाएगी।
बजट की स्थिति को देखेंगे
मीणा ने कहा कि किसानों के हितों के लिए कई नवाचार भी किए जाएंगे और नवाचारों को कैसे अमलीजामा पहनाया जाए, इस पर भी विचार किया जा रहा है। जो भी योजनाएं पिछली सरकार ने लागू की थी। अगर वह किसानों के हित में हैं तो उन्हें बंद करने का कोई तुक नहीं है। यह जरूर देखा जाएगा कि बजट की क्या स्थिति है। यह देखा जाएगा कि कैसे बजट जारी कर किसानों को फायदा पहुंचाया जा सकता है।
बिचौलियों को खत्म करने की योजना
हॉर्टिकल्चर की योजनाओं में बिचौलियों के कारण किसानों को फायदा नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में मीडिएटर खत्म करने के लिए उस ऑनलाइन किया जाएगा। इससे सीधा फायदा किसानों को मिलने लगेगा और बिचौलिए खत्म होंगे। ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से फसल खराब होने पर नुकसान के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोटा व पूर्वी राजस्थान के अन्य इलाकों में हाल ही में हुई बारिश से हुए नुकसान को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है और किसानों की हर संभव मदद की जाएगी।