दिव्यांशु का यह भावुक पत्र पढ़कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उससे मिलने के लिए रविवार को जेके लोन अस्पताल पहुंच गए। उन्हें देखकर बच्चे के परिजन भावुक हो गए। वहीं, अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री ने दिव्यांशु के पिता से बातचीत की और हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। उसका इलाज सरकार करवाएगी।
खंडेला तहसी़ल के रानीपुरा गांव निवासी बच्चे के पिता राजेंद्र कुड़ी ने बताया कि दुल्हेपुरा में 9 जून को राहत शिविर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे थे। उस वक्त मेरे बड़े भाई ने उनको दिव्यांशु का पत्र सौंपा था। जिसमें दिव्यांशु ने जन्मदिन पर मिलने की मंशा जताई थी और मदद की गुहार की थी। क्योंकि राजेंद्र ई-मित्र ऑपरेटर है। वह दिव्यांशु का इलाज कराने में सक्षम नहीं है। रविवार को दिव्यांशु के जन्मदिन था। ऐसे में शाम को मुख्यमंत्री गहलोत उससे मिलने अचानक अस्पताल में पहुंच गए। यहां वे करीब दस मिनट तक आइसीयू में रूके और उसकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
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अब तक खर्च हो चुके चार लाख रुपए
-पिता राजेंद्र ने बताया कि 5 मई को दिव्यांशु को कैंसर होने का पता चला। अगले दिन उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी ब्रेन और सांस नली की सर्जरी हुई थी। उसमें करीब 4 लाख रुपए खर्च हो गए थे। चिरंजीवी से महज 80 हजार की मदद मिली थी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर उसे यहां भर्ती कराया है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा ने बताया कि दिव्यांशु आइसीयू में भर्ती है। 22 मई को उसे यहां भर्ती कराया गया था।