यह है पूरा मामला ( jaipur crime news ) एसीबी के एएसपी नरोत्तम वर्मा ने बताया कि पीडि़त बीएड छात्र ( B.ED. Student ) की शिकायत पर टीम ने सोमवार सुबह करीब ग्यारह बजे छात्र को 11 सौ रुपये देकर भेजा। बीएड छात्र ने राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय प्रधानाचार्य शिवकुमार योगी को 11 सौ रुपये दिए। प्रधानाचार्य ने जैसे ही रिश्वत के रुपयों को जेब में रखा। इसी दौरान एसीबी टीम ने पकड़ कर गिरफ्तार किया।
11 सौ रुपये का कही भी उल्लेख नहीं
टीम नें प्रधानाचार्य से उपस्थित रजिस्टर, विकास शुल्क रजिस्टर व अन्य दस्तावेज की जांच कर मामले का सत्यापन किया। जिसमें प्रधानाचार्य ने छात्र से लिए रिश्वत के 11 सौ रुपये का कही भी उल्लेख नहीं किया था। पीडि़त बीएड छात्र ने बताया कि विद्यालय प्रधानाचार्य विद्यालय में आने के बाद भी उपस्थित रजिस्टर में उपस्थित नहीं करने देते थे। बल्कि उपस्थिति के बदले रिश्वत के रूप में रुपये देने की बात कहते। उपस्थित व अच्छे अंक भेजने के एवज में किसी से 500 तो किसी से 1100 रुपये देने पर ही आगे रिपोर्ट भेजने की बात से डराते धमकाते थे।
बेहोश होने का नाटक किया इसके बाद एसीबी की टीम से बचने के लिए प्रिंसिपल ने कुर्सी पर ही बेहोश होने का नाटक किया, एसीबी ने पानी चेहरे पर डाला और रिकॉर्ड के बारे में पूछताछ की तो प्रधानाचार्य उठकर कुर्सियों के पीछे छिपने लगा। पीडि़त छात्र ने 15 जनवरी को एसीबी कार्यालय जयपुर देहात में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर एसीबी की टीम नें मामले की जांच कर कार्रवाई को अंजाम दिया।