2. पांच तरह के शुल्क (स्थाई शुल्क, फ्यूल चार्ज, विद्युत शुल्क, नगरीय उपकर, अन्य शुल्क) अनावश्यक हैं, इनकी वसूली क्यों की जाती है?
3. अत्यधिक विद्युत छीजत व विद्युत चोरी रोकने मे विफलता का भार आम आदमी पर क्यों डाला जाता है?
4. लाईन मेन्टिनेंस में स्टाफ होते हुए ठेकेदारों से काम कराना कहां तक उचित है?
5. कृषि, व्यवसायिक और साधारण नए कनेक्शन या रि—कनेक्शन में ज्यादा चार्जेज क्यों वसूले जा रहे है ?
6. पुरानी विद्युत लाईनों के बदलने व ट्रांसफार्मर्स लगाने में ठेकेदारों के साथ मिलीभगत क्यों ?
7. नई विद्युत लाईनें बिछाने का खर्च तो जोड़ दिया जाता है किन्तु पुरानी एल्युमिनियम तार व पुराने लोहे के खम्भों के बेचने से होने वाली आय खातों में नदारद रहती है ? ऐसा क्यों?
8. आम जनता से मिलने वाली सौर ऊर्जा की बिजली का कोई भुगतान नहीं करना होता इसके बावजूद घाटा कम क्यों नहीं होता ?
9. आम जनता से वर्ष 2017-18 व 2018-19 मे अतिरिक्त जमानत राशि वसूली गई फिर भी महकमे का घाटा ज्यो का त्यों क्यों है?
10. बिजली कम्पनी की ऑडिट रिपोर्ट में घाटा होने के कारणों पर विस्तृत विवरण क्यों नहीं बताया जाता?
11. बिजली चोरी व खरीद घोटालों के लिए जिम्मेदार अधिकारी / कर्मचारियों की आय व सम्पत्तियों की जाँच क्यों नहीं ?