विदेशी दोस्त के कमेंट के बाद ठनका माथा विजय भास्कर बताते हैं कि दो साल पहले जब फ्रांस के एक दोस्त जोरिश के साथ वे हिमाचल प्रदेश घूम रहे थे। इसी समय बातचीत के दौरान जोरिश ने कहा था कि भारत को वे एक गरीब देश मानते थ,े लेकिन यहां आने पर ऐसा नजर नहीं आया। (jagdalpur news) यह बेहद समृद्धशाली देश हैं, लेकिन यहां के लोग स्वच्छता को लेकर जागरूक नहीं है। जो उनके साथ हमारे लिए भी नुकसान पहुंचा रही है। इस बात ने उन्हें अंदर झकझोर दिया और देश को स्वच्छ बनाने के लिए सितंबर 2022 में वे साइकिल यात्रा पर निकल गए।
साइकिल ही उनका उनका आशियाना : विजय भास्कर का साइकिल एक कैंप की तरह है। इस पर उन्होंने टेंट बैग और अन्य सामान रखा हुआ है। हर वक्त साइकिल में तिरंगा लहराता रहता है। उनका कहना है कि यात्रा के दौरान अगर उनकी कोई सहायता करता रहे तो वह अपने लक्ष्य को पा लेंगे। (cg news in hindi) विजय ने बताया कि उनके दो भाई हैं। उनकी माता कमला देवी गृहिणी हैं। उनके पास किसी तरह की कोई आर्थिक सहायता नहीं है, पर बिना मदद के लिए अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे।
9 महीने में 21 राज्यों में 900 से अधिक लेक्चर करे पहुंचेंगे सिंगापुर विजय भास्कर बताते हैं कि साइकिल यात्रा के पीछे बिना प्रदूषण के ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने का प्लान था। इसलिए वे साइकिल में यात्रा कर रहे हैं। अब तक वे 9 महीने में करीब 21 राज्यों से होकर गुजर चुके हैं। छग 22 वां राज्य है। (cg jagdalpur news) इस दौरान 900 से अधिक शैक्षणिक व अन्य संस्थानों में स्वच्छता को लेकर लेक्चर दे चुके हैं। वह 13 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं। वह यूपी, उत्तराखंड, बिहार, असम, नागालैंड, मणिपुर से होते हुए म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, मलेशिया से होते हुए सिंगापुर जाएंगे। 15 हजार किलोमीटर का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक तय करने का लक्ष्य रखा है। क्योंकि सिंगापुर विश्व का सबसे स्वच्छ देश है। (cg news today) इसलिए वहां रहकर यह कैसे हुआ यह समझने के लिए वहां तक का सफर तय किया है।
सुभाष चंद्र बोस को मानते हैं अपना आदर्श 19 वर्षीय विजय भास्कर बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, लेकिन वहां पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते उन्होंने इसे छोड़ दिया। वैसे बचपन से उनका सपना आर्मी में जाने का था। लेकिन हाथ फ्रेक्चर होने के बाद वे फिजिकली फिट नहीं थे। इसलिए उन्होंने साइकिल यात्रा करना शुरू की। 25 सितंबर को अखनूर से उन्होंने साइकिल पर यात्रा शुरू की। वह जम्मू-कश्मीर, कारगिल से मनाली, कुल्लू समेत अन्य शहरों से होते हुए अमृतसर पहुंचे हैं। वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आदर्श मानते हैं।