जगदलपुर। Chhattisgarh News: बस्तर की बेटियों ने साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। हालात और परिस्थिति के सामने झुकने वालों में से नहीं बल्कि उससे लड़कर अपने हौंसले बुलंद करने वालों में से हैं। हम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर बस्तर की ऐसी तीन बेटियों की कहानी लेकर आएं हैं जिन्होंने अपने हौंसले से सफलता की ऐसी इबारत लिखी है की उनके सामने परिस्थितियां और संसाधन बौने साबित हो गए हैं।
बिना संसाधन के नेशनल तक का सफर बस्तर संभाग जो क्रिकेट के लिए सुविधाविहीन माना जाता है, वहां पर राधिका ने कमाल कर दिखाया और अंडर 19 की स्टेट महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने में सफल हो गई। उसे टॉप 15 खिलाड़ी में भी शामिल कर लिया गया है। यदि उसका प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहा था तो नेशनल टीम में भी उसका चयन पक्का हो जाएगा। फिलहाल राधिका इंदौर में अपनी स्टेट टीम के साथ हैं। शुक्रवार की देर शाम छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ(सीएससीएस) ने टॉप 15 की सूची जारी की जिसमें राधिका का नाम भी शामिल किया। अब यह बीसीसीआई वूमेन अंडर 19 वन डे ट्रॉफी 2023 में हिस्सा लेंगी। शानदार आलराउंडर राधिका बाएं हाथ की बैटर और बॉलर हैं।
यूपीएससी क्लियर कर बनी प्रेरणा देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की आईईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस) की परीक्षा पास कर बस्तर की बेटी नीलोफर खान ने इतिहास रच दिया है। इसमें उन्होंने पूरे देश में 9 वीं रैंक हासिल की। कड़ी मेहनत और लगातार तैयारी के बाद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की और बता दिया कि बस्तर के लोग भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की न केवल तैयारी कर सकते हैं बल्कि इसे पास करके नौकरी भी हासिल कर सकते हैं। नीलोफर अभी कोच्चि में असिस्टेंट नेवल स्टोर ऑफिसर के पद पर सेवा दे रहीं है।
पीएससी पास कर नीतू बनी पुलिस ऑफिसर बस्तर के घोटिया इलाके में रहने वाली नीतू सिंह ठाकुर ने भी पीएससी की परीक्षा में सफलता अर्जित कर बस्तर का मान बढ़ाया है। नीतू का चयन उप पुलिस अधीक्षक पद पर हुआ है। सुदूर गांव से इस तरह के किसी भी प्रतियोगी परीक्षा पास करने वाली वह पहली लडक़ी है। इस सफलता ने उनके गांव की लड़कियों को एक दिशा दी है। नीतू बतातीं है कि परिवार ने काफी मदद की।