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जगदलपुर

बस्तर की मिट्टी पर हॉकी सीखकर दे रहीं प्रोफेशनल प्लेयर्स को पठखनी, नेशनल में सेलेक्ट होकर प्रदेश का नाम किया रोशन

Chhattisgarh Sports News : बस्तर के नक्सलगढ़ माने जाने वाले कोंडागांव इलाके के मर्दापाल की आदिवासी बच्चियों ने अपनी मेहतन के दम इतिहास रच दिया है।

जगदलपुरAug 29, 2023 / 07:34 pm

Aakash Dwivedi

बस्तर की मिट्टी पर हॉकी सीखकर दे रहीं प्रोफेशनल प्लेयर्स को पठखनी, नेशनल में सेलेक्ट होकर प्रदेश का नाम किया रोशन

बस्तर की मिट्टी पर हॉकी सीखकर दे रहीं प्रोफेशनल प्लेयर्स को पठखनी, नेशनल में सेलेक्ट होकर प्रदेश का नाम किया रोशन

जगदलपुर. बस्तर के नक्सलगढ़ माने जाने वाले कोंडागांव इलाके के मर्दापाल की आदिवासी बच्चियों ने अपनी मेहतन के दम इतिहास रच दिया है। कम संसाधनों के बीच मिट्टी में खेलकर यह बच्चियां न केवल अच्छा प्रदर्शन कर रहीं है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा रहीं है।
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बस्तर की सुलोचना कश्यप नेताम ओर धनेश्वरी कोर्राम बस्तर की पहली छात्राएं हैं जिनका नेशनल में सिलेक्शन हुआ है। इन दोनों बेटियों ने हाल ही में हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित ओपन हॉकी प्रतियोगिता में छग की तरफ से खेलते हुए उत्तराखंड के खिलाफ गोल भी मारने में सफलता हासिल की।
पिता देश का पेट भरते है, मैं देश के लिए मैडल लाना चाहती हूं

सुलोचना नेताम बताती हैं कि वे भी कोंडागांव के धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र से आती हैं। पिता किसान थे। बचपन से ही पूरा परिवार उनकी मदद के लिए खेत जाया करता था। परिवार के लिए जिला मुख्यालय भी आना उन दिनों बड़ी बात होती थी।
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पिता को बाहर जाकर पढ़ाई करने की इच्छा बताई तो उन्होंने नहीं रोका और मन में जो आये वह करने की बात कही। इसी दौरान जगदलपुर में हॉकी से जुडऩा हुआ। तमाम संसाधनों की गैरमौजूदगी के बाद भी टीम व कोच के प्रयास से बेहतर प्रदर्शन आया। इसी तरह नेशनल में चयन हुआ।
नेशनल में उत्तराखंड के खिलाफ खेलते हुए वह गोल जीवन का सबसे खूबसूरत पल था। अब सिर्फ देश की जर्सी में खेलने का सपना है और देश के लिए मैडल लाने का।

मेहनत से पाया मुकाम
धनेश्वरी कोर्राम बताती हैं कि मां का साया बचपन में ही सर से उठ गया था। पिताजी किसानी करते थे। परिवार किसी तरह चल जाता था, लेकिन मन में कुछ करने की भावना थी। जब 12 के बाद बाहर जाने का मौका मिला तो इसी दौरान हॉकी कोच से मुलाकात हुई।
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खेलने की इच्छा जताई तो उन्होंने भी देर नहीं लगाई और सीधे हॉकी स्टीक थमा दी। खेल अच्छा लगा तो उन्होंने अपने परिजन की तरह मेरी मदद की। उनके लगातार प्रयास की वजह से आज नेशनल तक जाना हुआ।
पंडरीपानी में निखार रहीं अपना खेल

कोच गजेंद्र शर्मा बताते हैं कि जिला प्रशासन एवं खेल व युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित बस्तर हॉकी प्रशिक्षण केंद्र पंडरीपानी खेल जगत में अपना स्थान सुनिश्चित कर रहा है।
प्रशिक्षण केंद्र में 40 बालक व 60 बालिका प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में नियमित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वर्ष 2023 में इस प्रशिक्षण केंद्र के बालक बालिकाओं ने छत्तीसगढ़ की टीम में राज्य का प्रतिनिधित्व किया।
हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित 13 वीं सीनियर विमेन्स नेशनल चैंपियन शिप काकीनाडा आंध्रप्रदेश में प्रशिक्षण केंद्र की सुलोचना नेताम फॉरवर्ड व डिफेंडर कुमारी धनेश्वरी कोर्राम ने छग की टीम में बस्तर का प्रतिनिधित्व किया।

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