बहु-संकायी एवं बहु-विषयी पाठ्यक्रम होगा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बहु-संकायी एवं बहु-विषयी पाठ्यक्रम होगा। इसके अंतर्गत छात्रों को निन प्रकार के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करना होगा। विषय विशिष्ट पाठ्यचर्या किसी विषय / डिसीप्लीन को परिभाषित करने वाला मूल पाठ्यचर्या को ही डीएससी कहा जाएगा वर्तमान सत्र से पूर्व की भांति छात्रों द्वारा तीन विषय / डिसीप्लीन का अध्ययन प्रति सेमेस्टर किया जाएगा। इसके अलावा विषय विशिष्ट ऐच्छिक) किसी विषय/डिसीप्लीन के संबंधित विशेष विषय शाखा की पाठ्यचर्या को डीएसई कहा जाएगा।
इसके अंतर्गत उस विषय के स्पेशलाइजेशन वाले कोर्स समिलित हैं। छात्रों द्वारा अपने चयनित विषय/डिसीप्लीन का अध्ययन तृतीय सेमेस्टर से कर सकेंगे। सामान्य ऐच्छिक मूल संकाय के अतिरिक्त किसी संकाय के विषय / डिसीप्लीन के कोर्स को ही त्रश्व कहा जाता है। इसके अंतर्गत छात्र अपने मूल संकाय के अतिरिक्त अन्य संकायों के विषयों का अध्ययन कर सकता है। प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में छात्रों द्वारा त्रश्व का चयन किया जाना अनिवार्य है, तथापि तृतीय सेमेस्टर से त्रश्व का चयन करना अथवा नहीं करना उनकी इच्छा पर आधारित होगा। नई शिक्षा नीति के अतर्गत अन्य जानकारियां विश्वविद्यालय, कालेजों व वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई हैं।
छात्रों को हर 6 महीने में और साल में दो बार परीक्षा देनी होगी
अब स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रम सेमेस्टर पद्धति से संचालित होंगे यानी छात्रों को हर छह महीने में और साल में दो बार परीक्षा देनी होगी। पूर्व की तरह अब भी छात्रों को तीन विषयों का चयन करना होगा और हर सेमेस्टर में इन विषयों के 1 पेपर ही होंगे। एनईपी-2020 के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में मल्टीपल एंट्री एंड एक्ज़टि व्यवस्था को अपनाया गया है, इसके तहत 3 या 4 वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में छात्र कई स्तरों पर पाठ्यक्रम को छोड़ सकेंगे । उन्हें उसी के अनुरूप डिग्री या प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा (1 वर्ष के बाद प्रमाण-पत्र, 2 वर्षों के बाद डिप्लोमा, 3 वर्षों के बाद स्नातक की डिग्री तथा 4 वर्षों के बाद शोध के साथ स्नातक)। इसके साथ ही छात्र कई बार कोर्स को वापस ज्वाइन भी कर सकते हैं परंतु उन्हें पूरा पाठ्यक्रम 7 साल के भीतर पूरा करना होगा।