जल संसाधन विभाग से राशि स्वीकृत होने के बावजूद बस्तर जिले में एनीकट, स्टापडेम, नहर, नाला निमार्ण नहीं किए जा रहे हैं। एजेंसी व ठेकेदार की उदासीनीता की वजह से योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। जिससे सिंचाई परियोजना के वितरक व लघु नहरों को लाइनिंग कार्य अपूर्ण व चालू नहीं किए जा सके हैं। लेटलतीफी करने वाले ठेकेदारों पर विभाग भी लगाम नहीं कस रहा है।
विशेष केन्द्रीय सहायता योजना
के अंतर्गत कावापाल के समीप गणेश बहार नाला में 46.16 लख रुपए स्टाप डेम का निर्माण किया जाना है। कुथर में 31 लाख रुपए से स्टापडेम निर्माण कार्य व एरमूर में स्टापडेम निर्माण कार्य के लिए 32 लाख रुपए से कार्य किया जाना हैं।
डीएमएफटी के तहत कुम्हारावंड, डिलमिली, सालेपाल, लेण्ड्रा, कोयनार, भाटपाल, छोटेदेवड़ा में स्टापडेम निर्माण कार्य, चेक डेम निर्माण कार्य, तट-नहर आऊटलेट निर्माण कार्य किया जाना है। इधर इन प्रोजेक्ट के देरी होने को लेकर विभाग भी नोटिस जारी करने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहा है।
कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत वितरक एवं लघु नहरों की सीसी लाईनिंग कार्य किया जाना है। जिसमें एनीकट का निर्माण भोण्ड, बालेंगा, चित्रकोट, लामकेर, कोहकापाल, फरसरा, उदुबेउमरगांव, किया जाना है। बस्तर ब्लाक के तोंगकोंगेरा, आमागुड़ा (चोलनार), इच्छापुर में स्टापडेम निर्माण किया जाना है। चित्रकोट ब्लाक में डिलमिली, पारापुर व्यपवर्तन किया जाना है।
मनरेगा के तहत पंचायत करंदोला, बोडऩपाल, आमाबाल, सिवनी, बोडऩपाल, चित्रकोट, कोरेंगा, डोंगाम, मामड़पाल, मण्डवा, सालेपाल, लेन्ड्रा, कोयनार, कुथर, एरमूर, मटकोट व गढिय़ा में नहर निर्माण, बांध व सिंचाई नाली का निर्माण किया जाना है। चेक डेम निर्माण, स्टाप डेम मरम्मत, डायवर्सन बेसिन गहरीकरण किया जाना है। यह सारे काम लंबे समय से प्रस्तावित हैं।
राजेश गुप्ता, अधीक्षण अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, बस्तर
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