गढ़चिरौली से पहले कई नक्सली हमलों से दहल चुका है छत्तीसगढ़, जानिए 10 बड़े हमले के बारे में
नक्सली हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज फिर महाराष्ट्र में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में गढ़चिरौली में 15 से ज्यादा जवान शहीद हो गये जबकि 14 जवानों के गंभीर रूप से घायल होने की सुचना मिल रही है। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ही तीन सीआरपीएफ के जवानो के साथ ही भाजपा के विधायक भीमा मंडावी और उनके चालक की नक्सली हमले में मृत्यु हो गयी थी। नक्सली हमले में सैकड़ों जवानो और मासूम लोगों ने अपनी जान गवां दी है। छत्तीसगढ़ में कई ऐसी नक्सली वारदातें हैं जिनका जिक्र आते ही लोग काँप जाते है।
9 अप्रैल 2019 : लोकसभा चुनावों से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को अपना निशाना बनाया। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में नक्सलियों के इस हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भीमा मंडावी और वाहन चालक की जान चली गई।
13 मार्च 2018 : छत्तीसगढ़ के सुकमा में 9 जवान नक्सली हमले में शहीद हो गए हैं। 6 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। सुकमा के क्सिटाराम में यह हमला हुआ है. सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के ये सभी जवान हैं। ऐसा नहीं है कि इन्होंने तैयारी पूरी नहीं की थी। सभी जवान एंटी लैंडमाइन व्हीकल में सवार थे।
30 अक्टूबर 2018 : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में अरनपुर में मीडियाकर्मियों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। यह हमला दूरदर्शन की मीडिया टीम पर किया सुबह के वक्त किया गया था।इस हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन की मौत हो गई थी। जबकि मीडिया टीम की सुरक्षा में लगे दो जवान भी शहीद हो गए थे।
24 अप्रैल 2017 : सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 25 जवान शहीद हो गए। नक्सलियों ने सीआरपीएफ की 74 बटालियन की रोड-अपनिंग पार्टी को निशाना बनाया था। सीआरपीएफ के इस काफिले पर हमला चिंतागुफा इलाके में हुआ था। यह इलाका बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है।
12 मार्च 2017: सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए। नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला किया था। जवानों की हत्या करने के बाद नक्सली जवानों के हथियार भी अपने साथ ले गए। नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट के जरिए सीआरपीएफ के 219 बटालियन के जवानों कोनिशाना बनाया था। यह स्थान राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर है। जवानों पर यह हमला भेजी गांव के पास सुकमा के घने जंगल में हुआ था।
11 मार्च 2014 : सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले में कथित रूप से 15 सुरक्षाकर्मियों की जान गई। 25 मई 2013 : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का यह अब तक का सबसे भीषण हमला माना जाता है। इस हमले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का सफाया हो गया। दरभा घाटी में नक्सलियों के इस हमले में पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष नंद किशोर पटेल सहित कई वरिष्ठ नेता मारे गए।
18 अक्टूबर 2012 : गया जिले में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के छह जवान शहीद और एक डिप्टी कमांडेंट सहित आठ सुरक्षाकर्मी घायल हुए। नक्सलियों ने जवानों पर घात लगाकर हमला किया। इसके बाद जवानों एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।
29 जून 2010 : नारायणपुर जिले में नक्सलियों के घात लगाकर किए गए इस हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हुए। इस साल नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर सिलसिलेवार हमले किए थे। इनमें यह सबसे बड़ा हमला था।
8 मई 2010 : नक्सलियों ने बीजापुर जिले में बुलेट-प्रूफ वाहन को विस्फोट से उड़ाया। इस हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हुए। 6 अप्रैल 2010 : दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने अपने बड़े हमले को अंजाम दिया। इस हमले में सीआरपीएफ के 75 जवान शहीद हुए। नक्सलियों के हमले में राज्य पुलिस के एक अधिकारी की भी जान गई।
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