CG Election: बलिराम कश्यप वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित
आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कई वार्डों का समीकरण बदल गया। जिन वार्डों के लिए अनारक्षित के कयास लगाए जा रहे थे ऐसे वार्ड ओबीसी और ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गए। इसके अलावा कई दिग्गज नेताओं के वार्ड महिला के लिए आरक्षित हो गए। ओबीसी और ओबीसी महिला के लिए तय वार्ड ने कई दिग्गजों का गणित बिगाड़ा है। हालांकि महापौर सफीरा साहू का बलिराम कश्यप वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया गया है। पिछली बार यह वार्ड ओबीसी मुक्त था। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय का श्यामा प्रषाद मुखर्जी वार्ड इस बार ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गया है। पिछली बार यह वार्ड अनारक्षित मुक्त था।
एक त्रुटि ने बदल दिया बालाजी वार्ड का समीकरण
आरक्षण की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सुबह से ही वार्डों के जनप्रतिनिधि और संभावित दावेदार कलेक्ट्रेट में जुटने लगे थे। सुबह से ही गहमागहमी का माहौल बना हुआ था। वार्डो के
आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान दावेदारों की सांस उपर-नीचे होती रही। लॉटरी के दौरान नेताओं में उत्साह भी नजर आया तो वहीं कई चेहरे मायूस भी दिखे।
त्रुटि के बाद बालाजी वार्ड अनारक्षित मुक्त हो गया: आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान जब वार्डों की लॉटरी निकाली जा रही थी तब एक त्रुटि ने बालाजी वार्ड का समीकरण बदल दिया। त्रुटि से पहले यह वार्ड अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित हो गया था वहीं बाद में जब चिट निकला तो यह वार्ड अनारक्षित मुक्त हो गया। यानी यहां से अब सामान्य वर्ग से महिला-पुरुष दोनों दावेदारी कर सकते हैं।
शहर के 48 वार्डों का आरक्षण
1- महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव वार्ड अनारक्षित मुक्त 2 – महाराज विजय चंद्र भंजदेव वार्ड अनारक्षित मुक्त 3 – शिव मंदिर वार्ड अनारक्षित मुक्त 4 – भैरम देव वार्ड अजजा मुक्त
5 – वीर सावरकर वार्ड अनारक्षित मुक्त 6 – सरदार भगत सिंह वार्ड अनारक्षित मुक्त 7 – सिविल लाइन वार्ड अजजा मुक्त 8 – लाल बहादुर शास्त्री वार्ड अजजा मुक्त 9 – नेताजी सुभाषचंद्र बोष ओबीसी मुक्त
10 – सदर वार्ड ओबीसी मुक्त 11 – प्रताप देव वार्ड अनारक्षित महिला 12 – रविंद्र नाथ टैगोर अनारक्षित महिला 13 – बालाजी वार्ड अनारक्षित मुक्त 14 – महारानी वार्ड अजा मुक्त
15 – मोतीलाल नेहरू वार्ड अनारक्षित मुक्त 16 – इंदिरा गांधी अनारक्षित मुक्त 17 – रमैया आरडी अनारक्षित महिला 18 – दलपत सागर अनारक्षित मुक्त 19 – पंडित दीनदयाल उपाध्यय ओबीसी मुक्त
20 – दंतेश्वरी वार्ड अजजा महिला 21 – डॉ. राजेंद्र प्रषाद वार्ड अनारक्षित मुक्त 22 – महात्मा गांधी नगर वार्ड अनारक्षित महिला 23 – गंगा नगर वार्ड ओबीसी महिला 24 – जवाहर नगर वार्ड ओबीसी मुक्त
25- शांति नगर वार्ड अनारक्षित महिला 26 – मदर टेरेसा अनारक्षित मुक्त 27 – माता संतोषी वार्ड अनारक्षित मुक्त 28 – गुरुघासी दास वार्ड अनारक्षित मुक्त 29- अंबेडकर वार्ड अजजा मुक्त
30 – स्वामी विवेकानंद वार्ड ओबीसी मुक्त 31 – ठाकुर अनुकूल देव वार्ड अजजा मुक्त 32 – सुंदरलाल वार्ड अनारक्षित मुक्त 33- राजीव गांधी वार्ड ओबीसी मुक्त 34 – संजय गांधी वार्ड अनारक्षित महिला
35 – छत्रपति शिवाजी वार्ड अजजा मुक्त 36 – गुरू गोविंद सिंह वार्ड अनारक्षित मुक्त 37 – लोकमान्य तिलक वार्ड अजजा मुक्त 38 – अटल बिहारी बाजपेयी अजजा महिला 39 – डॉ. श्यामा प्रषाद मुखर्जी वार्ड ओबीसी महिला
40 – डॉ. अब्दुल कलाम अनारक्षित महिला 41- चंद्रशेखर वार्ड अनारक्षित मुक्त 42 – महेंद्र कर्मा वार्ड अनारक्षित महिला 43 – बलिराम कश्यप ओबीसी महिला 44 – मदन मोहन मालवीय अनारक्षित मुक्त
45 – शहीद गुंडाधुर वार्ड अजजा महिला 46 – सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड अनाराक्षित मुक्त 47 – महाराणा प्रताप वार्ड अजजा महिला 48 – कुशाभाऊ ठाकरे वार्ड अनारक्षित महिला
महापौर और सभापति का वार्ड नहीं हुआ प्रभावित
आरक्षण की प्रक्रिया की वजह से महापौर सफीरा साहू और सभापति कविता साहू प्रभावित नहीं हुई हैं। महापौर का बलीराम कश्यप वार्ड ओबीसी मुक्त था जो इस बार ओबीसी महिला हो गया है। वह यहां से चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं सभापति कविता सहू का राजीव गांधी वार्ड ओबीसी महिला हो गया है। यहां से भी वे चुनाव लड़ पाएंगी। नेता और उप नेता प्रतिपक्ष के वार्ड हो गए महिला
नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स का वार्ड इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो गया। वहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेश राय का गंगानगर वार्ड
ओबीसी महिला हो गया है। अब इन दोनों नेताओं के लिए कयास लगाए जा रहे हैं कि यह अपने आसपास के किसी वार्ड से दावेदारी कर सकते हैं। इसी तरह कई ऐसे वार्ड हैं जहां भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के समीकरण प्रभावित हुए हैं।
भाजपा नहीं चाहती कि एसटी, एससी और ओबीसी को अधिकार मिले
जिला कांग्रेस ने आरक्षण पर सवाल उठाए। जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार में ओबीसी समाज का आरक्षण 12 सीटों से घटाकर 9 कर दिया गया है। पिछले चुनाव में 12 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार कह रही है कि भाजपा की सरकार बनेगी और संविधान को बदल देगी। उसका उदाहरण आज आरक्षण में देखा गया है।
एसटी, एससी और ओबीसी को मिले संवैधानिक अधिकार
CG Election: सुशील मौर्य का कहना है कि भाजपा सरकार में ओबीसी समाज का आरक्षण 12 सीटों से घटाकर 9 कर दिया गया है। ओबीसी की 12 सीटों में से 3 सीटें आखिर कम क्यों की गई है? एसटी, एससी और ओबीसी की सूची जारी की गई है, वह 2011 की जनगणना के तहत किया गया है। भाजपा की सरकार ने ओबीसी के वर्ग के साथ खिलवाड़ किया है। जब हमने कलेक्टर के सामने बात रखी तो उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का मामला है। भाजपा नहीं चाहती है कि एसटी, एससी और ओबीसी को संवैधानिक अधिकार मिले।