कांगेर घाटी नेशनल पार्क(Kanger Valley National Park) के भीतर जैव विविधताओं से भरे अनेक जगह है। इन जगहों पर पर्यटकों ले जाने स्थानीय युवाओं को भर्ती की जाएगी। इस तरह यहां के बेरोजगार युवाओं रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का प्रयास किये जा रहे हैं।
बस्तर आने वाले देसी विदेशी पर्यटक जो बस्तर के इस इलाके को जानने व स्थानीय संस्कृति तथा रहन सहन को जानने व महसूस करना चाहते हैं, यहां उनके रहने के लिए आदिवासियों के घरों में रहने की व्यवस्था के फलस्वरूप स्टे होम की सुविधा सफल रही है। इस दिशा में और भी प्रयास किये जायेंगे फिलहाल कांगेरघाटी के कुटुमसर, माझिपाल व तीरथगढ़ जैसे गावों में व्यवस्था किया गया हैं।
यहां मौजूद विविध प्रकार के जीव जंतुओं को देखने व भ्रमण करने आने वाले सैलानियों के लिए चित्रकोट की तरह कॉटेज व रिसोर्ट बनाये जाने की योजना पर काम चल रहा है। अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए मशहूर कांगेरघाटी में चित्रकोट की तरह प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक पहुँचते हैं लेकिन यहां रात्रि विश्राम के लिए पर्याप्त सुविधाओं की कमी है। इसे दूर करने यह इंतजाम किया जा रहा है।
कांगेर घाटी नेशनल पार्क(Kanger Valley National Park) में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने कई तरह के उपाय किये जा रहे हैं। इसके तहत इस इलाके में म्यूजियम तथा तीरथगढ़ के पास बस्तर संस्कृति की झलक दर्शाती मिट्टी के आवास बनेंगे जहां बाहर से आये पर्यटकों के लिए रुकने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा यहां पर दर्शनीय स्थलों को नए सिरे से तैयार किये जायेंगे ताकि यहां पहुंचने वाले सैलानी अधिक समय तक घाटी में समय बिता सके व बस्तर की खूबसूरती को महसूस कर सके।
कांगेर घाटी नेशनल पार्क(Kanger Valley National Park) में कुछ चुनिंदा स्थानों पर ट्रेकिंग ट्रेक तैयार किया जा रहा है। यहाँ कई ऐसे जगह है जहां ट्रैकिंग के शौकीन युवाओं को आने वाले दिनों में ट्रेकिंग कराई जाएगी। इसके लिए स्थान तय किये जा रहे हैं। इसके अलावा ट्रेकिंग के लिए स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रैकिंग के लिए स्टे होम में आने वाले सैलानियों को प्राथमिकता दी जाएगी।