विशाखापट्टनम रेल मंडल के अफसरों का कहना है कि जोन में पहली बार केके लाइन से सुपरसोनिक सिस्टम लगाने की शुरुआत की जा रही है। रेलवे पटरियों पर डिवाइस और अल्ट्रासोनिक सिस्टम लगाने जा रहा है। यह ट्रैकों के टूटने, सिग्नल उपकरण में आई खराबी की जानकारी तुरंत ट्रैक की सुरक्षा से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी को देगा। इससे ट्रेनों के लोको पायलटों को अलर्ट कर दिया जाएगा। ट्रैक पर खतरे की स्थिति निर्मित होने पर कंट्रोल रूम तक पहले ही सूचना पहुंच जाएगा।
इस सिस्टम को देश के सभी सेंसेटिव रूट में लागू कर शुरू किया जा रहा है। पटरियों पर लगने वाला सुपरसोनिक डिवाइस कै्रक पटरियों की सूचना आसपास के रेलवे स्टेशनों को भी देगा। इससे पटरियों की मरम्मत समय रहते की जा सकेगी। इससे रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा। वाल्टेयर मंडल में इंजीनियरों की टीम डिवाइस रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड से मिली तकनीक को और अपडेट करने में जुटी है। ताकि इससे सीधे लोको पायलट को अलर्ट किया जा सके।
मंडल केे रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अल्ट्रासोनिक ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम भी लगाया जाएगा। इससे जुड़े डिवाइस यानी डाटा रिसीवर के जरिए रेलवे स्टेशनों पर सूचना पहुंच जाएगी। ये डिवाइस पूरी तरह से अल्ट्रासोनिक वेब्स पर आधारित होगा, जैसे ही पटरियों में कहीं क्रेक होगा या स्ट्रेस की स्थिति बनेगी तो डिवाइस चंद मिनट में सूचना रेलवे स्टेशन को भेज देगा और स्टेशन के कंट्रोल रूप में लगा अलार्म बजने लगेगा।
वाल्टेयर के इंजीनियरों की टीम करेगी सर्वे
सिस्टम को अपग्रेड करने का काम विशाखापट्टनम जोन के इंजीनियर कर रहे हैं। इसका ट्रायल कुछ किलोमीटर की पटरी पर किया जा चुका है। कुछ सुधार हो रहे हैं। इसके बाद टीम केके लाइन का सर्वे करेगी। पटरियों के अनुरूप सिस्टम को लगाने का काम किया जाएगा। इस काम को पूरा होने में दो से तीन महीने का वक्त लगेगा।
अल्ट्रासोनिक सिस्टम पर देशभर के जोन में काम हो रहा है। इसमें वाल्टेयर भी शामिल है। इससे दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी। केके लाइन पर इस सिस्टम से काफी मदद मिलेगी।
जयराम बिरलांगी,
पीआरओ, रेलवे जोन वाल्टेयर
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