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दल्ली राजहरा नारायणपुर जगदलपुर रेल लाइन निर्माण पर सरकार गंभीर नहीं

पहले चरण में 35 किलोमीटर का कार्य अभी भी शेष । दूसरे चरण का कार्य अब तक नही हो पाया प्रारंभ

जगदलपुरMar 28, 2022 / 12:06 am

Kunj Bihari

पहले चरण में 35 किलोमीटर का कार्य अभी भी शेष ।

पहले चरण में 35 किलोमीटर का कार्य अभी भी शेष । दूसरे चरण का कार्य अब तक नही हो पाया प्रारंभ

नारायणपुर। नक्सल प्रभावित जिले के तीव्र विकास में रेल लाइन एक वरदान साबित होगी। इसी आकांक्षाओं के साथ नारायणपुर जिले वासी कई दशकों से रेल लाइन का इंतजार कर रहे हैं। वही दल्ली-राजहरा, नारायणपुर जगदलपुर रेल लाइन बस्तर की लाइफ लाइन मानी जा रही है। इसके बावजूद रेल लाइन का निर्माण 25 वर्षों में केवल 58 किलोमीटर ही पटरी बिछ पाई है। इन 25 वर्षों में दिल्ली राजहरा से अंतागढ़ से 6 किलोमीटर पहले ग्राम केवटी तक रेल लाइन बिछाने का कार्य पूरा किया गया है। शासन-प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते रेल लाइन आधार पर लटक गया है। रेल लाइन परियोजना के कार्य का निष्पादन के लिए 2 अप्रैल 1998 को रेल मंत्रालय अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएमडीसी और अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार के बीच आरंभिक समझौता पर हस्ताक्षर किया गया था। लेकिन समय पर कार्य आरंभ ना होने के कारण 9 साल बाद पुन: रेल मंत्रालय, सेल, एनएमडीसी और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच 11 दिसंबर 2007 को संशोधित ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था। इसके बावजूद परियोजना का रावघाट-दल्ली राजहरा रेल लाइन का कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है। इस दल्ली राजहरा – रावघाट 95 किलोमीटर कार्य आरएनएलबी कंपनी द्वारा किया जा रहा था। इस कंपनी को वित्तीय सहायता स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रदान किया जा रहा था। इसमे दल्ली राजहरा से अंतागढ़ के पहले केवटी तक 58 किलोमीटर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जबकि पहले चरण में रावघाट तक 35 किलोमीटर का कार्य अभी भी शेष बचा हुआ है। इसके बावजूद निर्माण कार्य की गति कछुवा चाल की तरह चल रही है। लेकिन रेल लाइन निर्माण कार्य को गति देने में कोई कारगर कदम उठाते नजर नही आ रहा है। इससे जिले वासियो की आँखे सालो से रेल लाइन देखने के लिए पत्थरा गई है।
अंतागढ़ से जगदलपुर तक करेंगे पदयात्रा
दल्ली राजहरा जगदलपुर लंबित रेल लाइन की मांग को लेकर अंतागढ़ से जगदलपुर तक 3 अप्रैल से 12 अप्रैल तक पदयात्रा की जाएगी। जिसमें अंतागढ़, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, जगदलपुर के हजारों लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।
बढ़ती जा रही परियोजना की लागत
रावघाट दल्ली राजहरा रेल लाइन परियोजना की लागत 1995 में 369 करोड़ थी जो 2004-5 में 968.6 करोड रुपए हो गई। इस परियोजना के प्रथम चरण में 95 किलोमीटर की कुल लागत 134.96 करोड़ की थी दिसंबर 2007 में बढ़कर 304.3 हो गई परियोजना की वर्तमान लागत 1622 करोड़ है। रावघाट नारायणपुर जगदलपुर रेल लाइन परियोजना दूसरा चरण 140 किलोमीटर की कुल लागत 234.4 करोड़ थी वर्तमान में इस परियोजना की लागत बढ़कर 2539 करोड़ हो गई है।
दूसरा चरण अब तक नहीं हुआ शुरू
रावघाट से नारायणपुर होते हुए जगदलपुर 140 किलोमीटर दूसरे चरण का कार्य बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी को वित्तीय सहायता सेल, एनएमडीसी और इरकॉन कर रही है। इस परियोजना का शिलान्यास 28 सितंबर 2018 को तत्कालीन रेल राज्य मंत्री राजेश गोयल एवं तत्कालीन छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा किया गया था। इसके पहले 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंतेवाड़ा में इस परियोजना का एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2023 तक रखा गया था। लेकिन अब तक इस परियोजना में नींव तक नहीं रखी गई । इससे अंदाज लगाया जा सकता है, की दूसरे चरण का कार्य पूरा होने में सालो लग जाएंगे।

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