प्लांट से मिली जानकारी के अनुसार हर दिन एक से दो मालगाड़ी एचआर क्वाइल लोडकर विशाखापट्टनम जा रही है। विशाखापट्टनम से माल को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है। प्लांट के सूत्रों की मानें तो नगरनार के एचआर क्वाइल की मांग अभी सबसे ज्यादा दक्षिण भारत में ही है। इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के भी कुछ प्लांट यहां का माल खरीद रहे हैं। प्लांट की सफलता यहां तैयार हो रहे एचआर क्वाइल की मांग पर ही निर्भर करती है। अब जबकि यहां प्रोडक्शन की रफ्तार बढऩे के साथ एचआर क्वाइल की मांग तेजी से बढ़ रही है तो इसे प्लांट के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। प्लांट के भविष्य को लेकर ङ्क्षचतित लोग भी अब कह रहे हैं कि प्लांट जिस स्तर पर तैयार किया गया है वह आने दिनों में उस स्तर पर उत्पादन भी करने लगेगा।
प्लांट में फिलहाल मौजूदा मैन पावर के साथ प्रोडक्शन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि साल के अंत तक अगर प्रोडक्शन की रफ्तार को सालाना उत्पादन के लक्ष्य के करीब ले जाया गया तो मैन पावर बढ़ाना होगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अब तक प्लांट में नौकरियां मिलने का इंतजार कर रहे बस्तर के युवाओं को इस साल के अंत या आने वाले साल में प्लांट में रोजगार मिल सकता है। पूर्व में एनएमडीसी ने भी कहा था कि आने वाले समय में प्लांट के लिए भर्ती का दायदा बढ़ाया जाएगा।