scriptChhattisgarh News: पहली बार तैयार होगा ऐसा डाटा बेस जो आदिवासियों की जिंदगी बदलेगा | Chhattisgarh: A database will be prepared which will change the lives of the tribals | Patrika News
जगदलपुर

Chhattisgarh News: पहली बार तैयार होगा ऐसा डाटा बेस जो आदिवासियों की जिंदगी बदलेगा

Chhattisgarh News: साइंटिफिक तरीके से तैयार होने वाले इस डाटा बेस के माध्यम से आदिवासियों की जरूरतों को पूरा करने का मॉडल तैयार किया जाएगा…

जगदलपुरAug 10, 2024 / 05:10 pm

चंदू निर्मलकर

Bastar tribal
Chhattisgarh News: बस्तर में ऐसा पहली बार होगा जब दो शैक्षणिक संस्थान यहां के गांवों में रहने वाले आदिवासियों की समस्याओं को दूर करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक डाटा बेस तैयार करेंगे। साइंटिफिक तरीके से तैयार होने वाले इस डाटा बेस के माध्यम से आदिवासियों की जरूरतों को पूरा करने का मॉडल तैयार किया जाएगा।

Chhattisgarh News: गांवों की स्थिति बदलने की पहल की जा रही

सरकारी तंत्र और जिला प्रशासन की मदद से गांवों की स्थिति बदलने के लिए यह पहल की जा रही है। शहीद महेंद्र कर्मा विवि और आईआईटी भिलाई अब बस्तर के आदिवासियों के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। विवि के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव और आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने इस संबंध में मुलाकात की है।
यह भी पढ़ें

Chhattisgarh: अनोखी परंपरा.. बाजा बजते ही इच्छाधारी नाग बन जाते हैं लोग! फिर कीचड़ में लोट कर करते हैं डांस

दोनों संस्थाओं ने बस्तर क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। विकास के अनेक मॉडल पर आईआईटी तथा विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से काम करने वाले हैं। दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य गांव एवं घरों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं विकास के प्रति जागरूकता के साथ ही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इसलिए अब आईआईटी तथा विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से एक टीम के रूप में इस दिशा में काम करेंगे।

चुने गांवों में दोनों संस्थाएं करेंगी डाटा बेस तैयार

पहले चरण में दोनों सस्थाएं बस्तर में कुछ चुने हुए गांव में हर घर की शिक्षा, स्वास्थ्य, हाउसहोल्ड के सदस्यों के द्वारा किए जाने वाले कार्य आदि की सूचना एकत्रित कर डेटाबेस तैयार करेंगे। इसके अगले चरण में इस डेटाबेस के माध्यम से आवश्यकता अनुसार सरकारी तंत्र एवं जिला प्रशासन की मदद से अच्छे संसाधनों के ऑप्टीमल प्रयोग के द्वारा गांव के प्रत्येक नागरिक के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य आदि से संबंधित सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
इस विकास के मॉडल के अंतर्गत आईआईटी के प्रोफेसर अपने स्वयं के इंटरनेट प्रणाली से ऑनलाइन अथवा भौतिक रूप से गांव में जाकर वीक एंड अथवा अन्य समय में स्कूल के बच्चों को ऐसी शिक्षा देंगे, जिन्हें आईआईटी के वैज्ञानिक आवश्यक समझते हैं और जो छात्रों के लिए आगे आने वाले जीवन में उपयोगी होगी।

साथ मिलकर ढूंढेंगे समस्याओं का हल

बस्तर क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की समस्याओं का हल हम शहर महेंद्र कर्मा विवि के साथ मिलकर ढूढेंगे। हमारे और विवि के प्रोफेसर इस पर काम करेंगे। हम इस काम की शुरुआत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
प्रोफेसर राजीव प्रकाश, निदेशक आईआईटी भिलाई

आईआईटी और विश्वविद्यालय ऐसा मॉडल तैयार करेंगे जिसमें अगर किसी एक गांव में चार या पांच व्यक्ति किसी एक जैसी बीमारी से ग्रसित होते हैं तथा उन्हें किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की आवश्यकता है या सर्जरी की आवश्यकता है तो इस स्थिति में उस रोग के डॉक्टरों की स्पेशलाइज्ड टीम को मोबाइल हॉस्पिटल फैसिलिटी के साथ गांव में भेजा जाएगा और टीम ऐसे गांव में कैप करेगी।
एक निश्चित बीमारी से ग्रसित सभी ग्रामीणों का इलाज करेगी तथा आगे फॉलोअप करेगी। इस संपूर्ण काम को आईआईटी और बिश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, कंप्यूटर साइंस, मैनेजमेंट आदि विशेषज्ञ मिलकर डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम तथा अन्य साइंटिफिक मॉडल के माध्यम से पूरा करेंगे।

जल्द ही करेंगे एमओयू

शमक विवि प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव नेता ने कहा कि विश्वविद्यालय और आईआईटी भिलाई जल्द ही एक एमओयू साइन करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के छात्र आईआईटी में अपने द्वारा चुने गए विषयों की पढ़ाई आईआईटी के प्रोफेसरों के जरिए वहां एक महीने रह कर कर सकेंगे। हम मिलकर शिक्षा तथा बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करेंगे।

Hindi News / Jagdalpur / Chhattisgarh News: पहली बार तैयार होगा ऐसा डाटा बेस जो आदिवासियों की जिंदगी बदलेगा

ट्रेंडिंग वीडियो