इसके बाद वे धरमपुरा स्थित शासकीय पीजी कॉलेज में उसने बीएससी कर पीएससी की तैयारी शुरू की। अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल करते हुए डीएसपी बनकर अपने माता पिता और बस्तर का नाम रौशन किया है । (CGPSC Result) पत्रिका से अपने सफर का अनुभव साझा करते नीतू ने कहा कि वे चाहती हैं कि वे पुलिस अधिकारी के रूप में काम करने तैयार हैं और आदिवासियों की सेवा करते हुए पिछड़े तबको को सही न्याय मिले इसके लिये प्रयास करेंगी। इसके अलावा नए आने वाले परीक्षार्थियो को मार्गदर्शन देंगी।
बड़े भैया व माता पिता को बताया प्रेरणाश्रोत नीतू ठाकुर के मुताबिक उनके पुलिस अफसर बनने का सबसे श्रेय अपने बड़े भैया उदयभान सिंग ठाकुर व अपने माता रामवती ठाकुर व पिता चंद्रभान सिंग ठाकुर को देती है। अपने भैया के कहने पर ही उन्होंन पीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू किया व इस मुकाम तक पहुच पाई है। (CGPSC Result) इसके अलावा उनके माता पिता जो ग्रामीण पृष्टभूमि के होने के बावजूद हमेशा से ही मुझे पढ़ाने लिखाने में कोई कमी नहीं किया।
कोचिंग से भी मिला फायदा नीतू ने बताया कि पीएससी की तैयारी के लिये राजपूत ट्यूटोरियल में प्रवेश लिया व डायरेक्टर चित्रकांत सिंग राजपूत के मार्गदर्शन में परीक्षा की तैयारी शुरू की। (CGPSC Result) बाद में कोरोना काल में लॉकडाउन लगने से पढ़ाई में बाधा आई लेकिन उसने अपने मंजिल को पाने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करती रही। वह अपने बड़े भाई को भी इस सफलता के लिये श्रेय देना नहीं भूलती जिनके कहने पर उन्होंने पीएससी करने का मन बनाया।
पहले प्रयास में असफलता पर निराशा नहीं होते हुए पढाई रखी थी जारी नीतू सिंग ठाकुर ने कहा कि अपने सपने को साकार करने किसी कान्वेंट स्कूल की नहीं सच्चे इरादे की जरूरत होती है। प्रत्येक विद्धार्थी के पास सफलता के लिये कड़ी मेहनत के साथ साथ हौसला होना भी आवश्यक है। (CGPSC Result) बताया कि उन्होंने प्रतिदिन पांच घंटा से 6 घंटे तक पढ़ाई की। अपनी पढ़ाई में औसतन 6 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य रूप से की जिसके चलते वह यहां तक पहुंची हैं।