CG Election 2025: सामान्य पुरुष नेताओं को दस साल बाद मिली राहत
हालांकि अब तक हुए चुनावों के आधार पर दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के बीच ही सीधा मुकाबला होता रहा है लेकिन इन पार्टियों में भी दावेदारों की सूची लंबी है।
(chhattisgarh news) वहीं लंबे समय से अपने नंबर का इंतजार कर रहे पार्टियों के सामान्य पुरुष नेताओं को दस साल बाद राहत मिली है।
यदि इस बार भी मैदान में सामान्य पुरूष ही मैदान में उतरते हैं तो यह 15 साल बाद होगा कि सीधे तौर पर सामान्य वर्ग के पुरूषों के बीच मुकाबला होगा। कांग्रेस व भाजपा दोनो ही पार्टियों में कई ऐसे वर्तमान जनप्रतिनिधि थे जो इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं।
48 वार्डों का आरक्षण पहले ही हो चुका
नगर निगम क्षेत्र के सभी 48 वार्डों की आरक्षण प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। अनारक्षित मुक्त सीट के ऐलान के साथ ही कांग्रेस और भाजपा संभावित दावेदारों को टटोलने में जुट गए हैं। फिलहाल इस श्रेणी में कांग्रेस और भाजपा के सक्रिय सदस्यों को देखते हुए उम्मीदवारों के नाम सोशल मीडिया पर सामने आने भी शुरू हो गए हैं। दोनों ही पार्टियों के संगठन इस चुनाव के मद्देनजर पहले ही आरक्षण लिस्ट के हिसाब से नाम तय कर लिए थे। इससे पहले 2009 में मौजूदा विधायक किरण देव इस सीट से महापौर बने थे। महिलाओं ने भी लंबे समय तक संभाली जिम्मेदारी
नगर निगम बनने के बाद पूर्व विधायक संतोष बाफना पहले महापौर बने, जबकि गीतेश मल्ल पहली महापौर बनी थी। (chhattisgarh news) हालांकि नगर पालिका के दौरान गिरिजा वाजपेयी, निशा शुक्ला भी शहर की प्रथम नागरिक के पद पर रह चुकी हैं। इनमें से प्रत्येक के कार्यकाल में या तो पार्टी, या फिर उनकी खुद कि किचन केबीनेट ने ही सक्रियता दिखाई है।
संगठन के दिग्गज हुए सक्रिय
CG Election 2025:
अनारक्षित सीट के महापौर की बात सामने आते ही संगठन के दिग्गज नेता अपने अपने चेहतों को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग करना शुरू कर दिया है। प्रदेश प्रभारियों समेत इन महिलाओं को कैसे चुनाव तक सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर लोगों के बीच पेश करना है इसके लिए भी रणनीति तैयार करने में लग गए हैं।
वहीं पूर्व जनप्रतिनिधि अपने पाले के लोगों की लाबिंग करने सक्रिय हो गए हैं। येन- केन प्रकारेण सत्ता के नजदीक बने रहने राजधानी तक की दौड़ भी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर तो संभावित दावेदारों के नाम पर जमकर चर्चा भी हो रही है।