scriptBastar Dussehra 2023 : जोगी बिठाई से पहले मावली मंदिर में पहुंचकर लिया आशीर्वाद | Before sitting at Jogi, he reached Mavli temple and took blessings. | Patrika News
जगदलपुर

Bastar Dussehra 2023 : जोगी बिठाई से पहले मावली मंदिर में पहुंचकर लिया आशीर्वाद

Bastar Dussehra 2023 : छत्तीसगढ़ के बस्तर में मनाए जाने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व में जोगी बिठाई की रस्म रविवार को हुई।

जगदलपुरOct 16, 2023 / 10:54 am

Kanakdurga jha

Bastar Dussehra 2023 : जोगी बिठाई से पहले मावली मंदिर में पहुंचकर लिया आशीर्वाद

Bastar Dussehra 2023 : जोगी बिठाई से पहले मावली मंदिर में पहुंचकर लिया आशीर्वाद

जगदलपुर। Bastar Dussehra 2023 : छत्तीसगढ़ के बस्तर में मनाए जाने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व में जोगी बिठाई की रस्म रविवार को हुई। ग्राम आमाबाल के रघुनाथ नाग जोगी बनकर अगले 9 दिनों तक निर्जल तप करते हुए सीरहासार भवन के अंदर बनाए गए गड्ढे में माता की आराधना करेंगे। मान्यता के अनुसार दशहरा का यह महापर्व बिना किसी बाधा के संपन्न हो इसलिए जोगी बिठाई रस्म अदा की जाती है।
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इस दिन शाम को सिरहासार भवन में आमाबाल से रघुनाथ नाग अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ पहुंचे थे। यहां पर जोगी बनने से पहले उन्हें नए वस्त्र धारण कराया गया। इसके उपरांत पुजारी और ग्रामीणों के साथ सिरहासार भवन के सामने स्थित मावली माता मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद मांगा। सफेद कपड़ों से ढ़ंककर वापस सिरहासार भवन लाया गया। इसके बाद रघुनाथ नाग ने जोगी बिठाई की रश्म पूरी की। इससे पूर्व उनके पिता भगत राम नाग जोगी और भाई दौलत राम नाग भी जोगी बन चुके हैं।
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जोगी रघुनाथ नाग के साथ इन नौ दिनों तक पुजारी डमरुराम रहेंगे। उन्होंने बताया कि दरअसल बस्तर दशहरा में जोगी से तात्पर्य योगी से है। इस रस्म में एक कहानी जुड़ी हुई है। मान्यता के अनुसार सालों पहले दशहरा पर्व के दौरान हलबा जाति का एक युवक जगदलपुर स्थित राजमहल के नजदीक तप की मुद्रा में निर्जल उपवास पर बैठ गया था, दशहरे के दौरान 9 दिनों तक बिना कुछ खाए पिये मौन अवस्था में युवक के बैठे होने की जानकारी जब तत्कालीन बस्तर के महाराजा प्रवीण चंद्र भंजदेव को मिली तो वे स्वयं मिलने योगी के पास पहुंचे, और उससे तप पर बैठने का कारण पूछा, तब योगी ने बताया कि उसने दशहरा पर्व को निर्विघ्न और शांति पूर्वक रुप से संपन्न कराने के लिए यह तप किया है।

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